पाकिस्तान की राजनीति में उसकी सेना का कब्जा है, इस बात की चर्चा हमेशा ही होती रहती है। अब खुद पाकिस्तान के निवर्तमान पीएम शहबाज शरीफ ने इस दावे पर मुहर लगा दी है। शहबाज ने इस बात को स्वीकार किया है कि उनकी सरकार भी बिना शक्तिशाली सेने का समर्थन के नहीं चल सकती। पाकिस्तान में बीते लंबे समय से एक बार फिर तख्तापलट के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसे में शहबाज का ये बयान इस आशंका और हवा दे रहा है।
इमरान खान पर वार
जियो न्यूज को दिए गए इंटरव्यू में शहबाज ने बताया कि देश की हर सरकार को सेना सहित प्रमुख क्षेत्रों से समर्थन की आवश्यकता होती है। शहबाज ने पूर्व पीएम इमरान खान पर निशान साधते हुए कहा कि खान ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर बहुत भरोसा किया था। खान को भी अपने कार्यकाल के दौरान सैन्य समर्थन मिला। भले उन्होंने दूसरों पर आरोप लगाए लेकिन उनकी सरकार विभिन्न घटकों का मिश्रण थी।
पाकिस्तान में हाइब्रिड शासन
इंटरव्यू के दौरान एंकर ने पाकिस्तान को दुनिया में हाइब्रिड शासन का सबसे प्रमुख उदाहरण बताया। बता दें कि पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद से वहां आधे समय तक सेना का शासन रहा है। शेष आधे भाग में इसने पर्दे के पीछे से देश की राजनीति को नियंत्रित करने का काम किया है। पाकिस्तानी सेना बार-बार कहती है कि वह देश की राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करेगी, लेकिन देश के नीतिगत मामलों में उसका प्रभाव अब भी साफ-साफ तौर पर देखा जा सकता है।
वित्तीय मामलों में सैन्य हस्तक्षेप
पाकिस्तानी सेना की ओर से अब देश के वित्तीय मामलों में भी बढ़ कर हस्तक्षेप किया जा रहा है। शहबाज शरीफ के कार्यकाल में इस हस्तक्षेप में काफी वृद्धि देखी गई है। शहबाज ने अप्रैल में कहा था कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से धन हासिल करने में भूमिका निभाई थी।
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