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सिंधु जल संधि पर मोदी सरकार की चेतावनी से घबराया पाकिस्तान, कही ये बात

भारत ने साल की शुरुआत में पाकिस्तान को एक नोटिस जारी किया था। भारत ने इस नोटिस के माध्यम से सिंधु जल संधि में संशोधन की बात कही थी। 62 साल के इतिहास में यह पहली बार था, जब भारत ने सिंधु जल समझौते में संशोधन की मांग की थी।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Apr 06, 2023 14:02 IST, Updated : Apr 06, 2023 14:02 IST
सिंधु जल संधि पर मोदी सरकार की चेतावनी से घबराया पाकिस्तान, कही ये बात
Image Source : FILE सिंधु जल संधि पर मोदी सरकार की चेतावनी से घबराया पाकिस्तान, कही ये बात

Indus Water Treaty: सिंधु जल समझौते पर भारत और पाकिस्तान आमने सामने हैं। भारत ने इस साल की शुरुआत में सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान को एक नोटिस जारी किया था। इसका जवाब पाकिस्तान को नहीं सूझ रहा था। अब जाकर पाकिस्तान ने इस नोटिस पर जवाब दिया है। 4 महीने के बाद पाकिस्तान की ओर से इस नोटिस पर प्रतिक्रिया आई है।

सीधे-सीधे जवाब देने से बची पाक विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा है कि पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि पर भारतीय नोटिस का जवाब दिया है। मुमताज जहरा ने कहा कि पाकिस्तान नेक नीयत से इस संधि को लागू करने और अपनी जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि पाकिस्तान ने भारत के नोटिस पर क्या जवाब दिया है। इस पर वह जवाब को टाल गई। बस इतना कहा कि ‘हमने भारत को जवाब दिया है। इसके अलावा मैं कुछ नहीं कह सकती‘।

भारत ने पाकिस्तान को जारी किया था सिंधु जल के संबंध में नोटिस

भारत ने साल की शुरुआत में पाकिस्तान को एक नोटिस जारी किया था। भारत ने इस नोटिस के माध्यम से सिंधु जल संधि में संशोधन की बात कही थी। 62 साल के इतिहास में यह पहली बार था, जब भारत ने सिंधु जल समझौते में संशोधन की मांग की थी। नोटिस जारी होने के लगभग चार महीने बाद पाकिस्तान की ओर से इस पर प्रतिक्रिया आई। 

क्या है सिंधु जल समझौता 

करीब 62 साल पहले यह संधि तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तानी मिलिट्री जनरल अयूब खान के बीच कराची में सितंबर 1960 में हुई थी। इसी समझौते के तहत दोनों देशों के बीच सिंधु नदी और उसकी अन्य सहायक नदियों से पानी की आपूर्ति का बंटवारा नियंत्रित किया जाता है। इस संधि के तहत सिंधु और उसकी सहायक नदियों से भारत को लगभग 19.5 प्रतिशत तो पाकिस्तान को लगभग 80 प्रतिशत पानी मिलता है।  पानी के आवंटित हिस्से का लगभग 90 प्रतिशत पानी ही भारत उपयोग करता है।

भारत ने क्यों जारी किया था नोटिस 

सिंधु जल समझौते के तहत सिंधु घाटी की पूर्वी नदियों पर भारत का अधिकार क्षेत्र है, जबकि पश्चिमी नदियों पर पाकिस्तान का अधिकार है। लेकिन कुछ शर्तों के साथ भारत को पश्चिमी नदियों पर रन ऑफ द रिवर परियोजना के माध्यम से पनबिजली उत्पन्न करने का अधिकार दिया गया है। लेकिन पाकिस्तान इस पर आपत्ति जताता है। पाकिस्तान ने इन आपत्तियों की जांच के लिए 2015 में तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति की मांग की थी, लेकिन 2016 में पाकिस्तान ने अचानक इस मांग को वापस लेते हुए एक मध्यस्थ अदालत की मांग कर दी।

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