तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने बुधवार को घोषणा की है कि वह सत्तारूढ़ गठबंधन की दो प्रमुख पार्टियों पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के खिलाफ ठोस कदम उठाने पर विचार कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। टीटीपी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि 'अगर ये दोनों पार्टियां अपने रुख पर अड़ी रहीं और सेना की गुलाम बनी रहीं तो इनके प्रमुख लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।' बयान में कहा गया, "लोगों को ऐसे प्रमुख लोगों के करीब जाने से बचना चाहिए।"
टीटीपी का दावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी ने दावा किया कि ''पूरी दुनिया जानती है कि टीटीपी का जिहादी क्षेत्र केवल पाकिस्तान है और हमारा टारगेट देश पर कब्जा करने वाली सुरक्षा एजेंसियां हैं।''
खुले तौर पर युद्ध की घोषणा
इसमें कहा गया है कि ''इसने लंबे समय से किसी भी राजनीतिक दल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है, लेकिन दुर्भाग्य से विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की मां के अमेरिका के साथ बहुत अच्छे संबंध थे।'' उन्होंने टीटीपी के खिलाफ खुले तौर पर युद्ध की घोषणा की।
बिलावल को बताया बेचारा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने एक बयान में कहा, "हालांकि बिलावल साहब अभी युवा हैं, लेकिन इस बेचारे ने अभी तक युद्ध की स्थिति नहीं देखी है।" टीटीपी ने कहा, ''प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी अमेरिका को खुश करने के लिए टीटीपी के खिलाफ चल रहे इस युद्ध में पूरी पार्टी को झोंक दिया है।''
धार्मिक नेतृत्व को भी दिया संदेश
टीटीपी ने बिना किसी का नाम लिए धार्मिक नेतृत्व को भी संदेश दिया और कहा कि टीटीपी की नीति में उनके खिलाफ कार्रवाई की कोई गुंजाइश नहीं है, लेकिन हम आपसे यह भी अनुरोध करते हैं कि आप हमारे खिलाफ गतिविधियों से परहेज करें।
बिलावल भुट्टो को टीटीपी का जवाब
टीटीपी का यह बयान बिलावल भुट्टो के उस बयान के ठीक एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पिछली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार द्वारा गैरकानूनी समूह के साथ बातचीत करने की नीति को गठबंधन सरकार आतंकवादियों की 'तुष्टिकरण की नीति' को छोड़ देगी।