इस्लामाबाद: पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने मंगलवार को कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि पत्रकार अरशद शरीफ की केन्या में “हत्या की गई” और यह गलत पहचान का मामला नहीं है, जैसा कि स्थानीय पुलिस ने दावा किया है। 49 वर्षीय अरशद शरीफ ‘एआरवाई’ टीवी के एक पूर्व रिपोर्टर और टीवी एंकर थे। वह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ निकटता के लिए जाने जाते थे।
देशद्रोह का केस दर्ज होने के बाद केन्या भाग गए थे अरशद
पाकिस्तान सुरक्षा एजेंसियों ने इस साल की शुरुआत में उनके खिलाफ देशद्रोह और “राजद्रोह” के आरोप में केस दर्ज किया था, जिसके बाद वह केन्या भाग गए थे। 23 अक्टूबर को नैरोबी के पास पुलिस चौकी के निकट उन्हें गोली मार दी गई थी, जिससे देश में कोहराम मच गया था। केन्याई पुलिस ने बाद में कहा था कि यह “गलत पहचान” का मामला है। सनाउल्ला ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा नैरोबी भेजा गया दो सदस्यीय दल वापस आ गया है और उन्हें प्रारंभिक जांच के बारे में जानकारी दी है। मामले की जांच के लिए गठित टीम में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के निदेशक अतहर वाहिद और आईबी के उमर शाहिद हामिद शामिल थे।
'यह टारगेट किलिंग का मामला'
सनाउल्ला ने घटना के बारे में केन्याई पुलिस के दावे को खारिज करते हुए कहा, “प्रथम दृष्टया अरशद शरीफ की हत्या की गई। यह एक लक्षित हत्या थी और गलत पहचान का मामला नहीं था।” उन्होंने कहा, “अगर यह हत्या है, जैसा कि प्रथम दृष्टया लगता है, तो केन्या में रह रहे दो भाई वकार अहमद और खुर्रम अहमद इस बारे में जानते होंगे।” शरीफ केन्या में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के दो भाइयों वकार और खुर्रम के यहां ठहरे हुए थे। मंत्री ने यह भी कहा कि जांच अभी भी अधूरी है और दल आगे की जांच के सिलसिले में दुबई भी जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को शरीफ की हत्या के मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र आयोग बनाने का अनुरोध करते हुए पहले ही पत्र लिख दिया है।
'इमरान खान ने लगाया हत्या का आरोप'
शरीफ अगस्त में पाकिस्तान से पहले दुबई और फिर केन्या चले गए थे। उनकी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। केन्या पुलिस ने जहां इसे गलत पहचान का मामला बताया है वहीं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया है कि शरीफ की हत्या की गई।