पेशावर: पाकिस्तान में एक बार फिर पोलियो का एक नया मामला सामने आया है। नया केस सामने आने के बाद इस वर्ष कुल मामलों की संख्या 68 हो गई है। पोलियो के मामले पाकिस्तान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं हैं। देश के प्रमुख अस्पताल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, नया संक्रमण खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में सामने आया है। इस वर्ष अब तक बलूचिस्तान में 27, खैबर पख्तूनख्वा में 20, सिंध में 19, पंजाब और इस्लामाबाद से एक-एक मामले सामने आए हैं।
सरकार के प्रयासों को लगा झटका
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कुछ महीने पहले स्वास्थ्य कर्मियों से मुलाकात की थी और उनसे कहा था कि वह घर-घर जाकर पोलियो के लिए टीका लगाएं जिससे कोई भी बच्चा वंचित ना रह सके। पोलियो एक लकवाग्रस्त करने वाली बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है तथा पोलियोरोधी टीका ही इसके संक्रमण को रोकने का एकमात्र उपाय है।
दवा पिलाने का विरोध
इस बीच आपको यह भी बता दें कि पाकिस्तान में पोलियो के नाम पर क्या-क्या होता है। कुछ महीने पहले खैबर पख्तूनवा के बाजौर जिले में पोलियो की दवा पिलाने गई एक टीम पर फायरिंग की गई थी। इसमें एक अधिकार की मौत हो गई थी। पाकिस्तान में कई ऐसे गुट हैं जो पोलियो अभियान के दुश्मन बने हुए हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान में अब तक पोलियो को खत्म नहीं किया जा सका है। पाकिस्तान में कई ऐसे लोग हैं जो पोलियो की दवा को इस्लाम से जोड़कर देखते हैं और बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का विरोध करते हैं।
कट्टरपंथियों का विरोध
गौरतलब है कि, पाकिस्तान के कट्टरपंथियों का मानना है कि पोलियो की बूंद इंसान को नपुंसक बना देती है। उनका कहना है कि यह मुसलमानों की आबादी कम करने की बड़ी साजिश है। पिछले 12 सालों में पोलियो अभियान में 109 लोगों ने जान गंवाई है। कई लोगों का अपहरण हुआ है। पोलियो अभियान से जुड़े 284 लोगों की पाकिस्तान में हत्या हो चुकी है, इसमें 166 पुलिसकर्मी और 87 हेल्थ वर्कर हैं। (भाषा)
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