Highlights
- पाकिस्तान को संकट में मिली राहत
- आईएमएफ ने पैकेज को मंजूरी दी
- वित्त मंत्री ने देश को दी बधाई
Pakistan: बडे़ आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए एक राहत भरी खबर आई है। इस तंगहाली के आलम में बाढ़ की मार झेल रहे इस देश की मदद के लिए आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आगे आया है। संस्था के एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने पाकिस्तान के लिए राहत पैकेज को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तान को एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) कार्यक्रम के तहत 1.17 अरब डॉलर की 7वीं और 8वीं किश्त प्रदान की जाएगी। विदेशी मुद्रा की कमी झेल रहे इस देश के लिए ये बड़ी राहत होगी। मदद का ये फैसला वाशिंगटन में आईएमएफ के एग्जीक्यूटिव बोर्ड की बैठक में लिया गया है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफताह इस्माइल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बोर्ड ने आईएफएफ प्रोग्राम के तहत राहत पैकेज को मंजूरी दे दी है। मिफ्ताह इस्माइल ने ट्वीट किया, 'अब हमें 1.17 बिलियन अमेरिकी डॉलर की 7वीं और 8वीं किश्त मिलने जा रही है। मैं पाकिस्तान को दीवालिया होने से बचाने और कड़े फैसले लेने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को शुक्रिया कहता हूं। मैं देश को बधाई देना चाहता हूं।'
आईएमएफ के साथ 2019 में हुई थी डील
पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच 2019 में 6 बिलियन डॉलर की डील पर हस्ताक्षर हुए थे। जो 2020 में पटरी से उतर गई थी। हालांकि यह बीते साल मार्च में कुछ हद तक बहाल हुई। इमरान खान सरकार के सत्ता से हटने के बाद शहबाज शरीफ की नई सरकार ने डील को बहाल करने की एक बार फिर कोशिश की। आईएमएफ ने 2023 तक पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज को बढ़ाकर 7 बिलियन डॉलर करने का ऐलान किया था।
शहबाज शरीफ ने इमरान पर साधा निशाना
आईएमएफ के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर एंटोनेट सैहो ने कहा, 'पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था यूक्रेन युद्ध और देश के भीतर मौजूद चुनौतियों के कारण प्रभावित हुई है।' आईएमएफ की बैठक से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि वह आईएमएफ के साथ समझौता बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि आत्म केंद्रित राजनीति देश के लिए अच्छी नहीं है।
चार साल के उच्चतम स्तर पर विदेशी कर्ज
अभी बीते महीने ही खबर आई थी कि पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज चार साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। उसका करंट अकाउंट डेफिसिट अपने चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में CAD 17.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है, जो नकदी की कमी से जूझ रहे देश की अर्थव्यवस्था के लिए परेशानी का बड़ा संकेत है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने बुधवार को बताया कि देश ने वित्त वर्ष 2022 में 17.406 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सीएडी दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2021 में केवल 2.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर था।
डॉन अखबार के अनुसार, भारी सीएडी पेमेंट से संबंधित गंभीर समस्या के बारे में बहुत कुछ बताता है। 17.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज में डूबा पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को कितना सुधार पाएगा ये आने वाला समय निर्धारित करेगा।
पाकिस्तान के बॉन्ड को कोई कमर्शियल मार्केट स्वीकार करने को तैयार नहीं हो रही है। क्योंकि ऐसा करने में जोखिम ज्यादा है। करंट अकाउंट डेफिसिट वित्त वर्ष 2022 में घाटे के लिए एसबीपी के अनुमान से अधिक हो गया है। वित्त वर्ष 2022 में सीएडी बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का 4.6 प्रतिशत हो गया, जो वित्त वर्ष 2021 में 0.8 प्रतिशत था। नवंबर 2021 में एसबीपी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें उसके द्वारा कहा गया था कि करंट अकाउंट डेफिसिट FY22 के दौरान GDP के 2 फीसदी से 3 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है।