Pakistan News: पाकिस्तान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने घोषणा की है कि वे अपनी सैलरी नहीं लेंगे। अपने मुल्क की कंगाल हालत को देखते हुए राष्ट्रपति जरदारी ने यह निर्णय लिया है। हालांकि उनका सैलरी न लेना पाकिस्तान को आर्थिक संकट से नहीं बचा सकता है। पाकिस्तान के गले गले तक कर्ज का बोझ चढ़ा हुआ है। ऐसे में अपनी ओर से नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जरदारी ने घोषणा की है कि वे कंगाल देश में चुनौतीपूर्ण आर्थिक हालातों को देखते हुए अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल में कोई सैलरी नहीं लेंगे। 68 वर्षीय जरदारी ने रविवार को हाल ही में 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। जरदारी की पार्टी पीपीपी ने 'एक्स' पर लिखा कि राष्ट्रपति ने विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन को प्रोत्साहित करने और राष्ट्रीय राजस्व पर बोझ नहीं डालने का फैसला किया है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय ने क्या कहा
राष्ट्रपति सचिवालय प्रेस विंग ने कहा कि राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय जरदारी राजस्व पर बोझ नहीं डालने की जरूरत को समझकर वेतन नहीं लेने का फैसला किया है। पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को प्रति माह 8,46,550 रुपये वेतन मिलता था, जो 2018 में संसद ने तय किया था।
बता दें कि आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के सबसे अमीर नेताओं में से एक हैं। उनके बेटे बिलावल भुट्टो पिछली शहबाज सरकार में विदेश मंत्री रह चुके हैं। वहीं उनकी पत्नी बेनजीर भुट्टो भी पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रही हैं। बेनजीर की कई साल पहले एक चुनावी रैली के दौरान हत्या हो गई थी।
पाकिस्तानी गृह मंत्री भी नहीं लेंगे सैलरी
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी ने रविवार को इस्लामाबाद के ऐवान-ए-सदर में आयोजित समारोह में दूसरी बार देश के राष्ट्रपति के तौर शपथ ली थी। इसके अलावा जरदारी के पदचिन्हों पर चलते हुए, गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने भी देश के सामने आर्थिक चुनौतियों का हवाला देते हुए वेतन नहीं लेने का फैसला किया है।