Highlights
- पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकार से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के ‘मिनट्स’ (विवरण) मांगे हैं।
- आयोग के प्रवक्ता ने कहा था, चुनाव आयोग संविधान और कानून के दायरे में अपनी जिम्मेदारी पूरी करेगा।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में छाए सियासी संकट के बीच घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। एक तरफ जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने और नेशनल असेंबली को भंग किये जाने की वैधता को लेकर पिछले 4 दिनों से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, तो दूसरी तरफ इस बीच राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने बुधवार को चुनाव आयोग को आम चुनाव आयोजित करने के लिए तारीख तय करने का निर्देश दे दिया है।
90 दिन के भीतर तय करनी है तारीख
बता दें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकार से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के ‘मिनट्स’ (विवरण) मांगे हैं और इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष द्वारा विवादास्पद फैसले के जरिये खारिज करने को लेकर हो रही अहम सुनवाई गुरुवार तक टाल दी है। इस बीच पाकिस्तान चुनाव आयोग को भेजे एक पत्र में राष्टपति अल्वी ने कहा है कि उसे (आयोग को) आम चुनाव कराने के लिए नेशनल असेंबली भंग होने के दिन से 90 दिन के भीतर की एक तारीख तय करनी है।
चुनाव आयोग ने जारी किया था बयान
राष्ट्रपति अल्वी द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है, ‘संविधान के जनादेश के तहत आम चुनाव की तारीख मुकर्रर करने के लिए निर्वाचन अधिनियम, 2017 की धारा 57(1) के तहत आयोग से विचार विमर्श की आवश्यकता होती है।’ अल्वी का पत्र चुनाव आयोग की उस घोषणा के एक दिन बाद आया है, जिसमें आयोग ने कहा है कि यदि आवश्यकता हुई तो वह देश में आम चुनाव कराएगा। आयोग के प्रवक्ता ने कहा था, ‘चुनाव आयोग संविधान और कानून के दायरे में अपनी जिम्मेदारी पूरी करेगा। बैठक में आम चुनाव की तैयारी की समीक्षा की जाएगी।’