इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की ओर से सेना और उसके नेतृत्व के खिलाफ किए जा रहे कथित दुष्प्रचार की बुधवार को निंदा की। शहबाज शरीफ ने कहा कि इस तरह की चीजों को “बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” इससे दो दिन पहले सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने कहा था कि एक बड़ा राजनीतिक माफिया नए आतंकवाद-रोधी अभियान ‘अज़्म-ए-इस्तेहकाम’ को नाकाम करने के लिए उठ खड़ा हुआ है और उस माफिया का पहला कदम झूठे तथा फर्जी तर्कों के जरिए अभियान को विवादास्पद बनाना है।
सशस्त्र बलों ने दी कुर्बानी
मंत्रिमंडल बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि दुष्प्रचार अभियान को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे दुर्भावनापूर्ण अभियानों के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे सशस्त्र बलों ने देश में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में काफी कुर्बानी दी है।” प्रधानमंत्री ने पिछले साल 9 मई को हुए दंगों के लिए जिम्मेदार समूहों की भी निंदा की तथा उन पर देश में अशांति फैलाने के लिए नई रणनीति अपनाने का आरोप लगाया। शरीफ ने जर्मनी और लंदन में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास पर हुए हालिया हमलों का भी जिक्र किया और उन्हें अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
पीएम शरीफ ने इस बात पर जताई चिंता
बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में हालिया आतंकी गतिविधियों में वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि यह एक संगठित साजिश के तहत किया जा रहा है। इस बीच, बैठक से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी पर प्रतिबंध लगाने और पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और नेशनल असेंबली के पूर्व उपाध्यक्ष कासिम सूरी के खिलाफ देशद्रोह का मामला चलाने के फैसले को टाल दिया है। (भाषा)
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