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कर्ज मांगने पर शर्मिंदा क्यों पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ? कहा- मित्र देश के आगे हाथ नहीं फैलाना चाहिए था

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, अतीत में अराजकता और विरोध प्रदशनों पर समय बर्बाद किया गया था। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त किया जाता, तो विदेशों से कर्ज से लेने से बचा जा सकता था।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Jan 15, 2023 7:10 IST, Updated : Jan 15, 2023 7:17 IST
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ
Image Source : PTI पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ

श्रीलंका के बाद अब पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में खाने की किल्लत देखी जा रही है। इसे लेकर इन दिनों शहबाज सरकार विपक्षी दलों के विरोध का सामना कर रही है। वहीं, बदहाल पाकिस्तान की मदद के लिए सऊदी अरब, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान जैसे देश आगे आए हैं। इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मित्र देशों से फंडिंग को लेकर बयान दिया है।

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने मित्र देशों को फंड देने की अपनी मांग पर खेद प्रकट करते हुए शनिवार को कहा कि उन्हें और कर्ज मांगने में सच में शर्मिदगी महसूस हुई। जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (पीएएस) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के पासिंग आउट समारोह को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा कि विदेशों से कर्ज मांगना पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने का सही समाधान नहीं है, क्योंकि कर्ज लौटाना होगा।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "अतीत में अराजकता और विरोध प्रदशनों पर समय बर्बाद किया गया था।" पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त किया जाता, तो विदेशों से कर्ज से लेने से बचा जा सकता था और अर्थव्यवस्था की बस सही रास्ते पर, तेज गति से आगे बढ़ सकती थी।"

'सरकारें आर्थिक मुद्दों का समाधान नहीं कर सकीं'

देश के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने खेद प्रकट किया कि पिछले 75 वर्षो के दौरान विभिन्न सरकारें चाहे राजनीतिक नेतृत्व या सैन्य तानाशाहों के नेतृत्व वाली सरकारें आर्थिक मुद्दों का समाधान नहीं कर सकीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की अपनी हालिया यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद ने बहुत ही शालीनता और प्यार से पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का और कर्ज देने की घोषणा की थी। पीएम ने वित्तीय सहायता के लिए सऊदी अरब की भी सराहना की।

केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा भंडार सबसे निचले स्तर पर

पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा भंडार 22.11 फीसदी की गिरावट के बाद फरवरी 2014 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गया है, जिससे आयात के वित्तपोषण में देश के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है। 350 अरब रुपये की अर्थव्यवस्था वाले देश को अपने चालू खाता घाटे को कम करने के साथ-साथ अपने ऋण दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने के लिए विदेशी सहायता की सख्त जरुरत है।

जियो न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था राजनीतिक संकट के साथ-साथ रुपये में गिरावट और दशकों के उच्च स्तर पर मुद्रास्फीति के साथ चरमरा गई है, लेकिन विनाशकारी बाढ़ और वैश्विक ऊर्जा संकट ने हालत और खराब कर दी।

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