Highlights
- पाकिस्तान के पीएम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस
- अदालत में सुनवाई के दौरान खुद को बताया मजनू
- दोनों बेटों पर भी चल रहा केस, एक बेटा है फरार
Pakistan PM News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने खिलाफ दर्ज 16 अरब पाकिस्तानी रुपये के धनशोधन मामले में शनिवार को एक विशेष अदालत में कहा कि पंजाब का मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने वेतन तक नहीं लिया और उन्होंने ऐसा ‘‘मजनू’’ होने के कारण किया। शहबाज और उनके बेटों- हमजा तथा सुलेमान के खिलाफ संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने नवंबर 2020 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और धनशोधन रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
"मैं एक मजनू हूं..."
पाकिस्ता के प्रधानमंत्री शहबाज का एक बेटा हमजा फिलहाल पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री हैं, जबकि दूसरा बेटा सुलेमान फरार है और ब्रिटेन में रह रहा है। एफआईए ने अपनी जांच में शहबाज परिवार के कथित 28 बेनामी खातों का पता लगाया है जिनके जरिए 2008 से 2018 तक 14 अरब रुपये का धनशोधन किया गया। शहबाज ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘मैंने 12.5 साल में सरकार से कुछ नहीं लिया और इस मामले में मुझ पर 25 लाख रुपये के धनशोधन का आरोप है।’’ डॉन अखबार ने उनके हवाले से कहा, ‘‘अल्लाह ने मुझे इस देश का प्रधानमंत्री बनाया है। मैं एक मजनू (नासमझ) हूं और मैंने अपना कानूनी अधिकार, अपना वेतन तथा लाभ नहीं लिया था।”
"मेरे फैसलों से परिवार को दो अरब रुपये का नुकसान"
शहबाज ने अदालत से कहा, “मेरे परिवार को मेरे फैसले के कारण दो अरब रुपये का नुकसान हुआ। मैं आपको हकीकत बता रहा हूं। जब मेरे बेटे का इथेनॉल उत्पादन संयंत्र स्थापित किया जा रहा था, तब भी मैंने इथेनॉल पर शुल्क लगाने का फैसला किया। उस फैसले के कारण मेरे परिवार को सालाना 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।’’ शहबाज के वकील ने दलील दी कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दर्ज कराया गया धनशोधन का मामला "राजनीति से प्रेरित" और "दुर्भावनापूर्ण इरादों पर आधारित" है। विशेष अदालत ने 21 मई को पिछली सुनवाई के दौरान शहबाज और हमजा की अंतरिम जमानत 28 मई तक बढ़ाने के बाद मामले में सुलेमान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
शहबाज पहली बार 1997 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे। उस वक्त उनके भाई नवाज शरीफ देश के प्रधानमंत्री थे। साल 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा नवाज शरीफ सरकार को अपदस्थ किए जाने के बाद शहबाज ने परिवार के साथ 2007 में पाकिस्तान लौटने से पहले सऊदी अरब में आठ साल निर्वासन में बिताए थे। वह 2008 में दूसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने और 2013 में तीसरी बार सत्ता में आए।