Highlights
- इमरान ने कहा कि यह पत्र उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पहले मिला था।
- इमरान खान ने बताया कि इस पत्र में भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का जिक्र है।
- इसके पहले कई विपक्षी नेताओं ने इमरान पर दबाव बनाया था कि वह पत्र के ब्योरे का खुलासा करें।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में मुश्किलों से जूझ रहे प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को उस पत्र का कुछ ब्योरा वरिष्ठ पत्रकारों और कैबिनेट सहयोगियों से साझा किया जिसे उन्होंने ‘विदेशी साजिश वाली चिट्ठी’ करार दिया था। इमरान ने कहा कि चिट्ठी असली है, हालांकि उन्होंने धमकी देने वाले देश और धमकी के शब्दों का खुलासा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह पत्र उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पहले मिला था। इस पत्र में भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का जिक्र है।
‘सत्ता से बेदखल करने के लिए रची गई विदेशी साजिश’
इमरान ने कथित पत्र को 27 मार्च को एक सार्वजनिक रैली में लहराते हुए ऐलान किया था कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विदेशी साजिश रची गई थी। प्रधानमंत्री इमरान ने अपने खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि यह उनकी सरकार को गिराने के लिए विदेशी पैसे से पोषित चाल का एक उदाहरण है। इसके पहले कई विपक्षी नेताओं ने इमरान पर दबाव बनाया था कि वह पत्र के ब्योरे का खुलासा करें। विपक्ष ने पत्र को लेकर आलोचना करते हुए कहा था कि सरकार दबाव को दरकिनार करने और सत्ता में रहने के प्रयास के तहत ऐसा कर रही है।
इमरान की अध्यक्षता में हुई विशेष कैबिनेट बैठक
बुधवार को इमरान खान की अध्यक्षता में विशेष कैबिनेट बैठक हुई। इसमें इमरान ने पत्र को लेकर सबसे पहले कैबिनेट को भरोसे में लिया। इस दौरान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने प्रतिभागियों को इस बारे में जानकारी दी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने पत्रकारों के साथ बैठक करके उन्हें इसके बारे में जानकारी दी। एआरवाई न्यूज चैनल ने कहा कि यह पत्र पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों की मेजबान देश के अधिकारियों के साथ हुई मुलाकात पर आधारित है। मुलाकात का ब्योरा उस देश में पाकिस्तानी राजदूत द्वारा विदेश कार्यालय को भेजा गया था।
‘पत्र का ब्योरा सैन्य प्रतिष्ठान को भी भेजा गया’
मुलाकात का यह ब्योरा दिखाता है कि मेजबान देश यूक्रेन और रूस से संबंध को लेकर पाकिस्तान सरकार की नीतियों से खुश नहीं था। चैनल ने इमरान की ओर से पत्रकारों को दी गई जानकारी के हवाले से कहा, ‘इसमें लिखा है कि यदि प्रधानमंत्री इमरान खान सत्ता में बने रहते हैं, तो पाकिस्तान के साथ संबंध प्रभावित होंगे।’ इमरान ने बताया कि पत्र का ब्योरा ताकतवर सैन्य प्रतिष्ठान को भी भेजा गया है। प्रधानमंत्री की पत्रकारों के साथ बातचीत के हवाले से जियो न्यूज ने कहा कि पत्र में धमकी देने वाली भाषा का इस्तेमाल किया गया था।
इमरान ने टाल दिया राष्ट्र के नाम संबोधन
जियो न्यूज के मुताबिक नेशनल असेंबली में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने से पहले ही पत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र किया गया था। बताया जा रहा है कि इमरान पत्र और इसके असर को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति और नेताओं के साथ बैठक की योजना बना रहे हैं। इस बीच इमरान खान ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा एवं आईएसआई चीफ नदीम अंजुम से मुलाकात के बाद बुधवार शाम को प्रस्तावित राष्ट्र के नाम अपने संबोधन को टाल दिया। पीटीआई के सांसद फैजल जावेद खान ने इसकी पुष्टि की।
‘सरकार गिराने की साजिश नाकाम हो जाएगी’
पाकिस्तान के सूचना राज्य मंत्री फारुख हबीब ने कहा कि सरकार को गिराने की साजिश नाकाम हो जायेगी। उन्होंने कहा, ‘हम किसी देश की गुलामी नहीं स्वीकार करेंगे और अपनी स्वतंत्र विदेश नीति से कोई समझौता नहीं करेंगे।’ हबीब ने कहा कि यह पत्र अविश्वास प्रस्ताव लाने से एक दिन पहले गत सात मार्च को मिला था। पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को मतदान होने के आसार हैं।
‘इमरान की जान को खतरा, प्लान बन चुका है’
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी और पाकिस्तान के पूर्व जल संसाधन मंत्री फैसल वावदा ने दावा किया है कि पीएम की जान को खतरा है। उन्होंने कहा कि खान की हत्या करने के लिए साजिश रची जा रही है और इसके लिए बकायदा एक प्लान तैयार किया गया है। इमरान खान ने 27 मार्च को इस्लामाबाद में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की रैली के दौरान दावा किया था कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को विदेशों से फंडिंग मिल रही है।