Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. पाक पीएम इमरान खान आज देश की जनता को करेंगे संबोधित, बुलाई कैबिनेट मीटिंग

पाक पीएम इमरान खान आज देश की जनता को करेंगे संबोधित, बुलाई कैबिनेट मीटिंग

कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान 9 अप्रैल को दोबारा अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे। उधर, इमरान खान का कहना है कि वे आखिरी बॉल तक संघर्ष करेंगे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 08, 2022 8:21 IST
Imran khan, PM, Pakistan- India TV Hindi
Image Source : FILE Imran khan, PM, Pakistan

Highlights

  • देश के नाम संबोधन से पहले इमरान कैबिनेट मीटिंग करेंगे
  • शनिवार को अविश्वास मत का सामना करेगी इमरान सरकार

Imran khan address to nation सुप्रीम कोर्ट से झटके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग के बाद वे देश की जनता को भी संबोधित करेंगे। इससे पहले कल सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने और नेशनल असेंबली को भंग करने के फैसले को गैरकानूनी करार दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को अधिकार नहीं है कि वह राष्ट्रपति से संसद भंग करने के लिए कहें। कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान 9 अप्रैल को दोबारा अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे। उधर, इमरान खान का कहना है कि वे आखिरी बॉल तक संघर्ष करेंगे।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल डिप्टी स्पीकर पर बरसे। उन्होंने कहा कि संसद भंग करने का उनका फैसला गलत था, उन्होंने अपना काम ठीक से नहीं  किया। पाकिस्तान की संसद भंग कर दी गई है और 90 दिनों के अंदर वहां चुनाव होने हैं। सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में 90 दिनों के लिए देश को बेसहारा छोड़ दिया गया है।

जस्टिस मंदोखाइल ने रेखांकित किया भले तीन अप्रैल को उपाध्यक्ष सूरी ने प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने की व्यवस्था दी लेकिन उसपर हस्ताक्षर अध्यक्ष असर कैसर के हैं। ‘डान’ अखबार के मुताबिक, उन्होंने यह टिप्पणी सूरी और कैसर के वकील नईम बुखारी द्वारा मामले में उपाध्यक्ष के फैसले की वैधता को लेकर दिए गए तर्क के दौरान की। जस्टिस मंदोखाइल ने यह भी बताया कि संसदीय समिति की बैठक के मिनट्स, जो बुखारी द्वारा अदालत को सौंपे गए थे, यह साबित नहीं करते कि डिप्टी स्पीकर मौजूद थे या नहीं। उन्होंने पूछा कि क्या संसदीय समिति की बैठक के दौरान विदेश मंत्री मौजूद थे, जिसके दौरान कथित “धमकी पत्र” की सामग्री को सांसदों के साथ साझा किया गया था, यह देखते हुए कि उनके हस्ताक्षर रिकॉर्ड में शामिल नहीं थे।

न्यायाधीश ने पूछा, “क्या विदेश मंत्री को मौजूद नहीं होना चाहिए था?” इस पर वकील ने यह स्वीकार किया कि मंत्री को उपस्थित होना चाहिए था। चीफ जस्टिस बंदियाल ने कहा कि उस समय के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ का नाम भी रिकॉर्ड में शामिल नहीं था। नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम खान सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को गिराने की तथाकथित विदेशी साजिश से जुड़े होने का हवाला देते हुए रविवार को उसे खारिज कर दिया था। कुछ मिनट बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। 

दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि संविधान इस बात का अधिकार देता है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सके। वहीं जस्टिस मुनीब अख्तर ने कहा स्पीकर सदन का केयरटेकर है। वह सिर्फ व्यक्तिगत संतुष्टि के लिए वहां नहीं बैठा रह सकता। वह अपनी निजी राय देकर बाकी सदस्यों से गुडबाय नहीं कह सकता। जज ने यह भी कहा कि डिप्टी स्पीकर ने अपना काम ठीक से नहीं किया, जाहिर तौर पर उनका फैसला गलत था।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement