Highlights
- शहबाज शरीफ के लाडले हमजा की छिन गई कुर्सी
- सुप्रीम कोर्ट ने हमजा शरीफ को हटाया
- इन्हें बनाया पंजाब का नया मुख्यमंत्री
Pakistan News: पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ को वहां के सुप्रीम कोर्ट से एक और झटका मिला है। पीएम के लाडले सुपुत्र आदिल हमजा को पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हमजा की जगह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का मुखिया परवेज इलाही को बना दिया है। शहबाज शरीफ के लिए झटके की बात सिर्फ यही नहीं है कि उनके बेटे को सीएम पद से हटा दिया गया है, बल्कि सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि जिसे आदिल हमजा की जगह लाया गया है, वह पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की सहयोगी पार्टी पीएमएल-क्यू का नेता है।
विवाद क्या था
दरअसल, शुक्रवार को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वहां के पंजाब प्रांत की 368 सदस्यीय विधानसभा में मतदान की प्रक्रिया आयोजित की गई थी। इसमें दो प्रमुख दावेदार थे, पहले हमजा शरीफ और दूसरे परवेज इलाही। चुनाव में हमजा को 179 और परवेज इलाही को 186 वोट मिले। लेकिन विधानसभा के डिप्टी स्पीकर दोस्त मोहम्मद माजरी ने शहबाज शरीफ से अपनी दोस्ती दिखाते हुए परवेज इलाही को मिले 10 वोटों को अवैध बता दिया और इस तरह से कम वोट पाने के बावजूद हमजा शरीफ पंजाब सूबे के मुखिया बन गए थे।
इसलिए पीएमएल-क्यू के 10 मतों को नहीं गिना गया
पीएमएल-क्यू पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पीटीआई का सहयोगी दल है। पंजाब की 368 सदस्यीय विधानसभा में हमजा की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज को 179 वोट मिले, जबकि इलाही की पार्टी को 176 वोट मिले। इलाही की पीएमएल-क्यू के 10 मतों को इस आधार पर नहीं गिना गया कि उन्होंने अपने पार्टी के प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन के आदेशों का उल्लंघन किया था। मजारी ने कहा कि पार्टी प्रमुख हुसैन ने पीएमएल-क्यू के सदस्यों को इलाही के बजाय हमजा को वोट देने का निर्देश दिया था।
मजारी ने कहा कि मैने पीएमएल-क्यू के 10 मतों को खारिज करने का फैसला दिया, क्योंकि उसके प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन ने मुझे एक पत्र लिखकर कहा था कि उनकी पार्टी के विधायकों को पीएमएल-क्यू उम्मीदवार के लिए वोट नहीं करना चाहिए था। मैंने फोन पर शुजात से बात की और उन्होंने अपने पत्र में इसका जिक्र होने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि हमजा ने तीन मतों से पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी फिर से हासिल कर ली।