Highlights
- पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 234 रुपये प्रति लीटर हो चुकी है।
- कराची में 10 बजे के बाद बाजार आदि बंद करने का आदेश जारी किया गया है।
- पाकिस्तान में अब बड़े उद्योगों पर 10 प्रतिशत की दर से ‘सुपर टैक्स’ लगेगा।
Pakistan News: पाकिस्तान में सरकार भले ही बदल गई हो लेकिन वहां के आवाम की हालत में कोई बदलाव नहीं आया है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के शासनकाल के दौरान देश में महंगाई की जो हालत थी, अब मामला उससे भी ज्यादा बिगड़ चुका है। पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 234 रुपये लीटर हो चुकी है, और वहां की आवाम इस बात को लेकर सरकार से बेहद नाराज है। पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत कभी इसके आसपास भी नहीं पहुंची थी। बढ़ती महंगाई और घटती आमदनी की वजह से पाकिस्तान की आवाम को रोजमर्रा की चीजें भी खरीदने में मुश्किल हो रही है।
काफी तेजी से बढ़े हैं पेट्रोल के दाम
पाकिस्तान में जिस तेजी से पेट्रोल के दाम बढ़े हैं, वैसा कम ही देखने को मिलता है। मई के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तान में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 150 रुपये थी, और महीना खत्म होते-होते इसकी कीमत 179.85 रुपये प्रति लीटर हो गई। जून के पहले हफ्ते में कीमतों में फिर बढ़ोत्तरी हुई और पेट्रोल की कीमत 209.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 204.15 रुपये प्रति लीटर हो गई। 16 जून को 20 दिन में तीसरी बार कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई और अब पेट्रोल 234 रुपये लीटर, डीजल 263.31 रुपये लीटर और मिट्टी का तेल 211.43 रुपये लीटर बिक रहा है।
बिजली कटौती से हाल हुआ बेहाल
पाकिस्तान के तमाम शहर पिछले कई महीनों से भारी बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं। कराची में तो सरकार को मॉल, मैरिज हॉल, बाजार आदि को रात 10 बजे से पहले बंद करने का आदेश तक देना पड़ गया था। बिजली कटौती की वजह से देश के उद्योग-धंधे भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और उत्पादन के कम होने से कई चीजों की महंगाई में इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ गर्मी के मौसम में लगातार हो रही बिजली कटौती से भी आवाम का बुरा हाल है। पाकिस्तान की सरकार इस संकट से निपटने के लिए लगातार हाथ-पैर मार रही है, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से उसकी ऊर्जा जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं।
इंडस्ट्री पर लगी सुपर टैक्स की मार
कैश संकट और अस्थिर अर्थव्यवस्था समेत कई आर्थिक चुनातियों का सामना कर रहे पाकिस्तान में अब बड़े उद्योगों पर 10 प्रतिशत की दर से ‘सुपर टैक्स’ भी लगेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को सीमेंट, स्टील और ऑटोमोबाइल जैसी इंडस्ट्री पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कदम से देश को लगातार बढ़ रही मुद्रास्फीति और नकदी संकट का सामना करने में मदद मिलेगी। शरीफ ने यह टैक्स लगाने से पहले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट पर अपनी आर्थिक टीम के साथ बैठक की थी।
देश के अमीरों पर भी लगा टैक्स
पाकिस्तान की सरकार ने 15 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय वाले व्यक्तियों पर भी एक पर्सेंट ‘गरीबी उन्मूलन टैक्स’ लगाया है। वहीं, 20 करोड़ की आय पर 2 फीसदी, 25 करोड़ रुपये की आमदनी पर 3 फीसदी और 30 करोड़ की रुपये की इनकम पर 4 फीसदी का टैक्स लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने देश के नाम जारी एक वीडियो मैसेज में कहा, ‘हमारा पहला मकसद आवाम को राहत देने के साथ लोगों पर महंगाई का बोझ कम करना और उन्हें सुविधा देना है। हमारा दूसरा मकसद देश को ‘दिवालिया’ होने से बचाना है।’
कब मिलेगी पाकिस्तानी आवाम को राहत?
पाकिस्तान की आवाम को हाल-फिलहाल बड़ी राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। आने वाले कुछ महीनों में यदि पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से हटने में कामयाब होता है, तभी उसकी अर्थव्यवस्था के बेहतर होने की उम्मीद की जा सकती है। पाकिस्तान फिलहाल कर्ज के बोझ में इतना दब चुका है कि उसके खास ‘दोस्त’ कहे जाने वाले मुल्क भी उसको पैसा देने में 10 बार सोच रहे हैं। इकॉनमी के तमाम एक्सपर्ट्स भी पाकिस्तान के बारे में आशावादी होने से बच रहे हैं, हालांकि शहबाज सरकार को उम्मीद है कि हालात आने वाले दिनों में बेहतर होंगे, और उनका मुल्क संकट से बाहर निकलने में कामयाब होगा।