Pakistan News: कंगाली की कगार पर पहुंचा पाकिस्तान 19 हजार करोड़ रुपए के कर्ज के बदले गिलगित और बाल्तिस्टान के इलाकों को चीन के हवाले करने की फिराक में है। अपनी बदहाल आर्थिक हालत को सुधारने के लिए पाकिस्तान यह कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो रहा है। बड़ी बैंक भी उसे कर्ज देने से मुंह मोड़ रही हैं। ऐसे में संभावना है कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर (POK) के इलाकों को भी चीन को सौंप सकता है।
दरअसल, पाकिस्तान के पास कर्ज चुकाने के लिए पैसा नहीं हैं। ऐसे में वह चालाकी से पीओके और गिलगित बाल्तिस्तान के इलाके चीन को बदले में देना चाहता है। वहीं चीन भी कोई मदद अगर पाकिस्तान को करता है तो वह भारत को ध्यान में रखकर ही करता है। दोनों की दोस्ती भारत की बुनियाद पर ही बनी है।
इन अरब देशों से कर्ज लेने पर मजबूर है पाक
पाकिस्तान UAE यानी युनाइटेड अरब अमीरात से 8 हजार करोड़ रुपए लेने जा रहा है। इसके लिए वह 20 सरकारी कंपनियों के 12 फीसदी से ज्यादा शेयर UAE को देगा। सऊदी अरब से भी 40 हजार करोड़ रुपए कर्ज लेने के लिए पाकिस्तान ने 2018 से अर्जी लगा रखी थी। फरवरी में ही सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 10 हजार करोड़ का कर्ज दिया है।
पीओके के कई इलाके चीन को दे सकता है पाकिस्तान
पाकिस्तान ने इतने कर्ज ले रखे हैं कि उसे चुकाने की भी उसकी हैसियत नहीं रह गई है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगातार खाली हो रहा है। इंटरनेशनल बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसी संस्थाएं भी उससे किनारा करने लगी हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से तो पाकिस्तान को 90 हजार करोड़ रुपए की हेल्प मिलने की कोई आस नहीं रह गई है। ऐसी आशंका है कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले पीओके के इलाकों को भी चीन को सौंप सकता है। पाकिस्तान ने गिलगित, बाल्टिस्तान और POK के 52 कानूनों को अपने हाथ में ले लिया है। इसके तहत पाकिस्तान सरकार को वहां की जमीन किसी भी देश को लीज पर देने का अधिकार मिल गया है।
गिलगित और बाल्तिस्तान के सीएम ने पाक सरकार पर लगाए आरोप
साल 2018 में पाकिस्तान सरकार ने गिलगित, बाल्टिस्तान और पीओके को और अधिकार देने की घोषणा की थी। गिलगित और बाल्तिस्तान के मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद खान ने पाकिस्तान सरकार पर 30 अरब रुपए की सहायता को मात्र 12 अरब रुपए करने का आरोप भी लगाया है। कर्ज के बदले पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान में हुंजा इलाके से चीन नियोबिम की बड़े पैमाने पर खुदाई कर रहा है।
साथ ही हुंजा में माणिक-मोती और कोयले के 120 लाख मीट्रिक टन के भंडार हैं। चीन को हुंजा में बड़ी जमीन लीज पर मिली हुई है। हाल ही में यहां के स्थानीय लोगों ने चीन को लीज जारी किए जाने के विरोध में भारी प्रदर्शन भी किया था।