Highlights
- 'सत्ता की होड़ के लिए सबकुछ दांव पर नहीं लगाया जा सकता'
- सार्वजनिक रैली में इमरान खान की टिप्पणी से नाराज थे न्यायमूर्ति
- न्यायमूर्ति बोले- अपने बयानों से केवल परेशानियों को बढ़ा रहे हैं
Pakistan News: पाकिस्तान में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सेना के खिलाफ बयानबाजी को लेकर सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को फटकार लगाई और कहा कि देश में जारी सत्ता की होड़ के लिए सबकुछ दांव पर नहीं लगाया जा सकता। अदालत ने आगाह किया कि इमरान खान की बयानबाजी की वजह से उनके अभिव्यक्ति के अधिकार को संविधान के तहत बरकार रखना संभव नहीं हो पाएगा।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के भाषणों के लाइव प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने के पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (PEMRA) के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। न्यायमूर्ति मिनल्लाह रविवार को एक सार्वजनिक रैली में इमरान खान की टिप्पणी से नाराज थे, जिसके लिए सरकार पहले ही उनकी आलोचना कर चुकी है।
'देशभक्त सेना प्रमुख आएगा, तो लूट के बारे में पूछेगा'
सेना ने भी टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे स्तब्धकारी करार दिया था। खान ने रविवार को फैसलाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार अपनी पसंद का सेना प्रमुख नियुक्त करने के लिए चुनाव में देरी कर रही है। उन्होंने कहा था, "(आसिफ अली) जरदारी और नवाज (शरीफ) अपनी पसंद का अगला सेना प्रमुख नियुक्त करना चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने जनता का पैसा चोरी किया है।" खान ने कहा था, "उन्हें डर है कि जब देशभक्त सेना प्रमुख आएगा, तो वह उनसे उनकी ओर से की गई लूट के बारे में पूछेगा।"
इमरान खान उनका मनोबल गिरा रहे हैं- न्यायमूर्ति
डॉन समाचार पत्र की खबर के अनुसार, सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने फैसलाबाद की रैली में की गईं खान की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए पूछा, "आप सार्वजनिक रूप से कैसे कह सकते हैं कि कोई सेना प्रमुख देशभक्त है या नहीं?" न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने कहा कि सशस्त्र बल के जवान शहीद हो रहे हैं और आप (इमरान खान) उनका मनोबल गिरा रहे हैं। उन्होंने 'पीटीआई' के वकील से यह भी पूछा कि (उनकी पार्टी) संवैधानिक संस्थानों को नुकसान क्यों पहुंचा रही है। उन्होंने कहा, "आप अपने बयानों से केवल परेशानियों को बढ़ा रहे हैं।"
'बयान संविधान के अनुच्छेद-19 के तहत भी नहीं आता'
न्यायाधीश ने कहा कि हालिया बयान संविधान के अनुच्छेद-19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) के तहत भी नहीं आता। उन्होंने कहा, "इस तरह के बयान देकर आप प्रतिबंध से कैसे बच सकते हैं।" न्यायाधीश ने कहा, "क्या हम सत्ता की होड़ के लिए सब कुछ दांव पर लगा सकते हैं?" उन्होंने कहा कि जो चीजें चल रही हैं, उनके कारण अदालत से राहत देने की कोई उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा नवंबर के अंतिम सप्ताह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। वह छह साल से इस पद पर हैं।