Highlights
- शहबाज सरकार को कटघरे में खड़ा किया
- रैली में लाखों पाकिस्तानियों को सुनवाया भारतीय विदेश मंत्री का जवाब
Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान आए दिन भारत की प्रशंसा करते और अपने देश की शहबाज शरीफ सरकार की आरोप लगाते रहते हैं। ताजा मामले में इमरान खान ने अपनी रैलियों में भारत के विदेश मंत्री की दिल खोलकर तारीफ की है। इससे पहले भी सत्ता हाथ से जब जा रही थी, तब वे भारत की प्रशंसा करके भारत की विदेश नीति के मुरीद हो गए थे। उन्होंने भारत की तरक्की और पाकिस्तान की बदहाली की तुलना भी कई बार की है और शहबाज सरकार को कटघरे में खड़ा किया। एक बार फिर इमरान ने लाखों लोगों के सामने भारत की तारीफों के पुल बांधे। शनिवार को एक रैली में उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक वीडियो दिखाते हुए कहा, 'यह होता है एक आजाद मुल्क'। इमरान लगातार शहबाज सरकार पर आरोप मढ़ रहे हैं और अपनी रैलियो सरकार को अपदस्थ करने व चुनाव कराने की बात कर रहे हैं। उन्होंने अपनी रैली में शहबाज सरकार को 'आयातित सरकार' करार दिया।
ट्विटर पर शेयर किए गए एक वीडियो में इमरान खान ने कहा, 'अब मैं आपको दो मुल्कों के विदेश मंत्री दिखाना चाहता हूं। पहले हिंदुस्तान के विदेश मंत्री को (अमेरिका ने) हुक्म दिया कि आप रूस से तेल न खरीदें। गौर से सुनें, हिंदुस्तान अमेरिका का रणनीतिक सहयोगी है। हमारा अमेरिका के साथ कोई गठबंधन नहीं है। जब अमेरिका ने भारत से कहा कि आप रूस से तेल न खरीदें तो उनके विदेश मंत्री ने क्या कहा, देखें।'
रैली में लाखों पाकिस्तानियों को सुनवाया भारतीय विदेश मंत्री का जवाब
खान ने एस. जयशंकर का एक वीडियो प्ले किया। इसमें समझा जा सकता है कि यूरोप यात्रा के दौरान जब जयशंकर से पूछा गया, 'क्या देश हित के लिए आप इस युद्ध में पैसा लगा रहे हैं?' जयशंकर ने इसका जवाब दिया, 'क्या रूस से गैस खरीदना युद्ध में पैसा लगाना नहीं है? क्यों भारत का ही पैसा और भारत आने वाला आॅइल जंग के लिए फंडिंग है, यूरोप जाने वाली गैस नहीं? अगर यूरोप, पश्चिमी देशों व यूएस को इतनी चिंता है तो वे क्यों ईरान व वेनेजुएला के तेल को मार्केट में आने की परमिशन नहीं देते।'
वीडियो खत्म होने के बाद इमरान खान ने रैली के दौरान विदेश मंत्री की इस बातचीत को और विस्तार से समझाया। शहबाज सरकार पर तोहमत लगाते हुए फिर इमरान ने कहा कि हमने रूस से सस्ता तेल खरीदने की बात कर ली थी, लेकिन इस आयातित सरकार की हिम्मत ही नहीं हुई।