Highlights
- एफआईए के पूर्व महानिदेशक बशीर मेमन को वॉशरूम में करवा दिया था बंद
- मरियम नवाज के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर मेमन ने जताई थी आपत्ति
Pakistan News : पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के पूर्व महानिदेशक बशीर मेमन ने एक हैकर के इस दावे की पुष्टि की है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के कहने पर उन्हें वॉशरूम में बंद कर दिया गया था। इससे जुड़ी खबरें बुधवार को मीडिया में आईं। गौरतलब है कि एक हैकर ने सिलसिलेवार ट्वीट कर मेमन और खान के बीच हुई बैठक का पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया था। हालांकि अब ये ट्वीट हटा दिए गए हैं।
मरियम नवाज के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल
जिओ टीवी के अनुसार, मेमन ने हैकर के दावों की पुष्टि करते हुए कहा है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाज के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर उन्होंने खान से रूखे लहजे में बात की थी। खबर के अनुसार, इसके बाद इमरान खान के तत्कालीन प्रधान सचिव आजम खान ने मेमन का हाथ पकड़ा और उन्हें वॉशरूम में बंद कर दिया। मेमन ने कहा, ‘आजम खान ने मुझे मेरे व्यवहार के लिए फटकारा भी।’ यह पूरा मामला पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर आया था।
ऑडियो लीक मामले में इमरान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
उधर, पाकिस्तान की कैबिनेट ने ऑडियो लीक मामले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है। हाल में लीक हुए ऑडियो में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के तीन नेताओं को पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान (69) के साथ अमेरिकी साइफर (गूढ़लेख) के बारे में बात करते हुए सुना जा सकता है।
कैबिनेट ने 30 सितंबर को किया था समिति का गठन
इसके अनुसार, लीक हुए इस ऑडियो में खान अपनी सरकार को गिराने की कथित साजिश के बारे में भी बात कर रहे थे। इस ऑडियो लीक का संज्ञान लेते हुए कैबिनेट ने 30 सितंबर को एक समिति का गठन किया था। समिति ने इस ऑडियो लीक को लेकर कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की। ‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार कैबिनेट समिति ने सिफारिश की है, ‘यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, जिसका राष्ट्रीय हितों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और इस संबंध में कानूनी कार्रवाई महत्वपूर्ण है।’ संघीय जांच एजेंसी को अमेरिकी साइबर और ऑडियो लीक की जांच का काम सौंपा जाएगा।
गरिमा के साथ इस देश की सेवा की-कुरैशी
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जांच को रोकने के लिए सरकार की कार्रवाई ने उनकी पार्टी के रुख का समर्थन किया कि साइफर वास्तविक था और खान की सरकार को गिराने का कारण बना। उन्होंने कहा, ‘हमने कभी ऐसा कदम नहीं उठाया जिससे पाकिस्तान के हितों को ठेस पहुंचे। हमने गरिमा के साथ इस देश की सेवा की और आगे भी करते रहेंगे।’