Highlights
- उपचुनावों में छह नेशनल असेंबली और दो पंजाब विधानसभा सीटें जीतीं
- कुल 11 सीटों पर चुनाव हुआ था
Pakistan News:
पाकिस्तान में हुए उपचुनाव इमरान खान के लिए खुशखबरी लेकर आए हैं। यहां हुए उपचुनाव से स्पष्ट हो रहा है कि जनता इमरान खान को समर्थन देना चाहती है। इमरान नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने उपचुनावों में छह नेशनल असेंबली और दो पंजाब विधानसभा सीटें जीतीं। माना जा रहा है इन उपचुनावों से आगे होने वाले आम चुनावों का रास्ता साफ होगा। असल मायनों में यह प्रमुख राजनीतिक दलों की परीक्षा थी।
इमरान ने पांच सीटों पर जीत हासिल की
देश में पहली बार इमरान सात सीटों से खुद लड़ रहे थे। पीटीआई ने आठ में से छह नेशनल असेंबली सीटों पर विजय जीत हासिल की। पीटीआई प्रमुख ने सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवारों को हराकर पेशावर, मर्दन, चारसद्दा, फैसलाबाद और ननकाना साहिब में सीटें जीतीं। हालांकि, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी मुल्तान में एक महत्वपूर्ण नेशनल असेंबली सीट हार गई, जहां पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बेटे अली मूसा गिलानी ने पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की बेटी मेहर बानो कुरैशी को हराया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीटीआई ने मर्दन नेशनल असेंबली सीट और खानेवाल प्रांतीय विधानसभा सीट से भी जीत हासिल की है। नतीजों के मुताबिक सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने भी एक प्रांतीय विधानसभा सीट जीती, लेकिन वह अन्य सीटों पर पीटीआई से पीछे चल रही थी। आठ नेशनल असेंबली सीटों और तीन प्रांतीय विधानसभा सीटों सहित कुल 11 सीटों पर चुनाव हुआ था।
छिटपुट हिंसा के बीच हुआ मतदान
इससे पहले कल सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ और कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में शांतिपूर्ण ढंग से जारी रहा और कुछ में छिटपुट झड़पों के साथ देश में तीव्र राजनीतिक गतिविधि देखी गई। कल जैसे ही मतदान प्रक्रिया शुरू हुई, खान ने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों से बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए कहा। खान ने एक ट्वीट में कहा था, 'यह बदमाशों के गुट से हकीकी आजादी के लिए जनमत संग्रह है। हम सभी पीडीएम, चुनाव आयोग और 'नामलूम अफराद' के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।'
उपचुनाव में जीत से इमरान को क्या असर पड़ेगा?
बता दें कि सत्ता से उतरने के बाद इमरान खान लगातार चुनाव की मांग कर रहे हैं। वहीं शहबाज सरकार चुनाव जल्दी कराने के मूड में नहीं लग रही है। यही कारण है कि इमरान खान ने 'लॉन्ग मार्च' निकालने की बात कही। इमरान की सभाओं में भी भारी भीड़ जुटी है। इससे भी यह आभास होता रहा है कि इमरान जनता की भावनाओं को समझकर जल्द चुनाव करवाना चाहते हैं। अब उपचुनाव के परिणामों ने भी बता दिया कि इमरान खान आगामी चुनाव में कुछ 'बड़ा' परिणाम दे सकते हैं। वहीं शहबाज सरकार इमरान की लोकप्रियता से चिंतित है। इमरान के लॉन्ग मार्च पर सरकार के मंत्री बयान दे रहे हैं कि कोई सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाएगी।