Highlights
- सिंध इलाके में जलस्तर में आ रही है कमी
- पानी उतरने के साथ बढ़ा बीमारियों को प्रकोप
Pakistan News: पाकिस्तान में बाढ़ से पिछले 24 घंटे में करीब 40 और मौतें हो गईं। इसके साथ ही देशभर में बाढ़ (Flood) से मरनेवालों की संख्या बढ़कर 1,545 हो गई है। हालांकि सिंध (Sindh) इलाके में जलस्तर में कमी जारी है। यहां बाढ़ का पानी जैसे-जैसे उतर रहा है गंभीर बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। बाढ़ के कारण देश में सैकड़ों हजारों लोग बेघर हो गए हैं। बाढ़ से अत्यंत प्रभावित सिंध में एक सिंचाई अधिकारी मोहम्मद इरफान के अनुसार, इस महीने की शुरुआत तक उफान पर रही सिंधु नदी अब अरब सागर की ओर ‘‘सामान्य’’ स्तर से पहुंच रही है। पिछले 48 घंटों में खैरपुर और जोही कस्बों सहित आसपास के कुछ जलमग्न इलाकों में पानी का स्तर तीन फुट तक गिर गया, जहां इस महीने की शुरुआत में कमर तक पानी से फसलों और घरों को नुकसान पहुंचा था।
सिंध में हजारों लोग तंबुओं में कर रहे गुजारा
एक दिन पहले, इंजीनियरों ने दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में एक प्रमुख राजमार्ग को खोला था, जिससे बचावकर्मियों को जलजनित बीमारियों और डेंगू बुखार के प्रसार के खिलाफ पीड़ित लोगों की सहायता में तेजी लाने में मदद मिली। अब भी सिंध में सैकड़ों हजारों लोग अस्थायी घरों और तंबुओं में रह रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि सिंध में पानी पूरी तरह से निकलने में महीनों लगेंगे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, राष्ट्रव्यापी बाढ़ ने 18 लाख घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, सड़कें बह गई हैं और लगभग 400 पुल नष्ट हो गए हैं।
दरिया जैसा दिख रहा है पाकिस्तान-शहबाज शरीफ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के नेताओं से कहा कि उनके देश में आई अभूतपूर्व बाढ़ के बाद यह दरिया जैसा दिख रहा है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भी तत्काल कार्रवाई की जरूरत बताई। शरीफ उज्बेकिस्तान के शहर समरकंद में एससीओ की राष्ट्र प्रमुख परिषद (सीएचएस) के शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़ आने का उल्लेख किया।
जलवायु परिवर्तन की प्रमुख भूमिका
पाकिस्तान में आई भयावह बाढ़ में मानव जनित जलवायु परिवर्तन की प्रमुख भूमिका हो सकती है। एक अध्ययन में यह बात सामन आई। वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन समूह के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि हो सकता है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से बारिश की तीव्रता बढ़ गयी हो। हालांकि परिणाम में अनेक अनिश्चितताएं थीं, इसलिए अनुसंधान दल प्रभाव को नहीं माप सका। अनुसंधान दल में पाकिस्तान, भारत, नीदरलैंड, फ्रांस, डेनमार्क, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन के वैज्ञानिक शामिल थे।
अगस्त महीने में सामान्य से तीन गुना से ज्यादा बारिश
अनुसंधानकर्ताओं ने घटनाक्रम के दो पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया। इनमें एक है सिंधु नदी घाटी में जून से सितंबर के बीच 60 दिन की औसत बारिश का वार्षिक अधिकतम परिणाम और दूसरा है सबसे बुरी तरह प्रभावित सिंध तथा बलोचिस्तान प्रांतों में जून से सितंबर के बीच पांच दिन की औसत बारिश का वार्षिक अधिकतम परिणाम। पाकिस्तान में अगस्त महीने में सामान्य से तीन गुना से अधिक वर्षा हुई और यह देश में 1961 के बाद से इस महीने में सर्वाधिक बारिश थी।
इनपुट- डॉन न्यूज, भाषा