Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार का जाना लगभग तय है। 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबील में अब इमरान के पास केवल 142 सांसदों का समर्थन है जबकि विपक्षी मोर्चे के पास 199 सांसद हैं। कल इमरान खान को विश्वास मत साबित करना है। उससे पहले आज वे देश को संबोधित करनेवाले हैं। वहीं अब नयी सरकार के गठन को लेकर कुछ ऐसे दिलचस्प तथ्य सामने आ रहे हैं जिन्हें जानना जरूरी है।
इमरान खान की सरकार गिरने के बाद नई सरकार के गठन का खाके पर भी सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। विपक्षी दलों में नवाज शरीफ की पीएमएल-एन के कुल 84 सांसद हैं जबकि दूसरी बड़ी पार्टी जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी है जिसके कुल 47 सांसद हैं। पीपीपी पहले ही नवाज शरीफ की पार्टी को पीएम पद देने को तैयार है। जबकि एक समय यह दोनों दल एक दूसरे के धुर विरोधी रहे। लेकिन समय के साथ-साथ सियासत का चक्र भी बदलता है और आज इमरान खान के खिलाफ ये दोनों पार्टियां एकजुट हो गई हैं।
इनके साथ आने की वजह यह है कि इमरान खान की सरकार पीएमएल-एन और पीपीपी के सभी बड़े नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के केस चला रही थी। भ्रष्टाचार के मामलों में नवाज शरीफ और जरदारी को जेल भी भेजा जा चुका था। इमरान सरकार की इन कार्रवाईयों से खफा होकर इन दोनों दलों ने अंदरखाने हाथ मिलाने का फैसला किया। 2020 में ही दोनों पार्टियों ने एकजुट होकर इमरान सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम का विरोध शुरू कर दिया था।
उधर, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भी विपक्ष की एकजुटता के आगे इमरान की पार्टी पीटीआई मुश्किलों में घर गई है। यहां इमरान की पार्टी के विधायकों की संख्या लगातार कम होती जा रही है।