कराची: पाकिस्तान के सिंध सूबे में भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपी एक डॉक्टर का शव परिवार को दफनाने नहीं दिया बल्कि जबरन जला दिया। चिकित्सक को सिंध सूबे में एक पुलिसकर्मी ने गोली मार दी थी। चिकित्सक का नाम शाहनवाज कंबर था। पुलिस के मुताबिक चिकित्सक ने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया था और भागने की कोशिश कर रहा था जिसकी वजह से गोली मारनी पड़ी। कंबर का शव दफनाने के लिए बृहस्पतिवार शाम परिवार को सौंपा गया था। उनके परिवार में तीन बेटे, एक बेटी और पत्नी हैं। चिकित्सक को जहां पर गोली मारी गई वहां के थाना प्रभारी नियाज खोसो ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक और उसके साथियों ने पुलिस पर गोली चलाई, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई।
भाग गए परिवार के लोग
स्थानीय पुलिस अधिकारी शकूर राशिद ने बताया, ‘‘परिवार शव को दफनाने के लिए अपने पैतृक गांव जन्हेरो ले गया, तभी भीड़ जमा हो गई और शव सौंपने की मांग करने लगी।’’ राशिद ने बताया कि भीड़ द्वारा घेरे जाने के बाद परिवार के सदस्य शव को दफनाए बिना वहां से भाग गए। उन्होंने कहा कि भीड़ ने पीछे रह गई एक कार में कंबर का शव देखा और उसे आग के हवाले कर दिया।
क्लीनिक भी गई थी भीड़
मामले में उमरकोट शहर की पुलिस ने सोशल मीडिया पर कथित तौर पर ‘ईशनिंदा सामग्री’ पोस्ट करने के मामले में पाकिस्तान दंड संहिता की धारा-295सी के तहत चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इससे पहले चिकित्सक को पकड़ने भीड़ उसके क्लीनिक में आई थी लेकिन वह किसी तरह भागने में कामयाब रहा था।
'हैक किया गया सोशल मीडिया अकाउंट'
इस सप्ताह के शुरुआत में उमरकोट की स्थानीय मस्जिद के मौलाना साबिर सोमरू ने भी ईशनिंदा को लेकर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस पूरी कवायद के बीच शाहनवाज कंबर ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए दावा किया था कि उसके सोशल मीडिया अकाउंट को हैक कर ईशनिंदा सामग्री पोस्ट की गई और वह ऐसा करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। (भाषा)
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