दावोस: पाकिस्तानी मंत्री हिना रब्बानी खार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके देश को दोनों देशों के बीच शांति की दिशा में काम करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में एक ‘‘सहभागी’’ नहीं दिखता है, लेकिन इसने उनके पूर्ववर्तियों मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी में एक सहभागी देखा था। विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2023 में यहां दक्षिण एशिया पर एक सत्र को संबोधित करते हुए खार ने कहा, ‘‘जब मैं विदेश मंत्री के रूप में भारत गई, तो मैंने बेहतर सहयोग के लिए दबाव बनाने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की थी और हम 2023 की स्थिति की तुलना में उस समय बहुत बेहतर स्थिति में थे।’’
पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे प्रधानमंत्री मोदी में एक सहभागी नहीं दिखता, हालांकि वह अपने देश के लिए अच्छा हो सकतें हैं, मैंने मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी में एक सहभागी देखा।’’ खार ने कहा कि पाकिस्तान ने अतीत से सबक सीखे हैं और वह आगे बढ़ना चाहता है लेकिन उन्हें लगता है कि भारत हमेशा एक ऐसा देश था जहां सभी धर्म सह-अस्तित्व में थे लेकिन अब ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रही हूं कि हमें पाकिस्तान में कोई समस्या नहीं है, लेकिन हमारी सरकार हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि नए कानूनों और मौजूदा कानूनों को लागू करके अल्पसंख्यकों की रक्षा की जाए।’’ इस बीच ‘आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक’ श्री श्री रविशंकर ने चर्चा के दौरान कहा कि पाकिस्तान को यह महसूस करना होगा कि समस्या उनकी तरफ से है क्योंकि भारत को किसी अन्य पड़ोसी से समस्या नहीं है।
उन्होंने कहा कि दोनों देश एक ही भाषा साझा करते हैं और उनकी संस्कृति, भोजन आदि समान हैं। रविशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार हाथ बढ़ाया है। उन्होंने बार-बार मदद करने की पेशकश भी की और यह आरोप कि वर्तमान प्रधानमंत्री ने कोई इच्छा नहीं दिखाई है, का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी पड़ोसियों को मदद की पेशकश की है और यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने कुछ नहीं किया।
इनपुट-भाषा