इस्लामाबाद: पाकिस्तान में हाल के दिनों में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं। अब आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए पाकिस्तान ने दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। एक बयान में कहा गया है कि सरकार के तहत काम करने वाली राष्ट्रीय कार्य योजना की संघीय शीर्ष समिति ने मंगलवार को एक व्यापक सैन्य अभियान को मंजूरी दी है।
बैठक में शाममिल हुए सैन्य अधिकारी
सैन्य अभियान शुरू करने का फैसला प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर सहित वरिष्ठ असैन्य और सैन्य अधिकारी शामिल हुए। इस अभियान का निशाना बलूचिस्तान में सक्रिय प्रमुख आतंकवादी संगठन होंगे जिनमें मजीद ब्रिगेड, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) और बलूचिस्तान राजी अंजु-आर-सेंगर (बीआरएएस) शामिल हैं, जो बाहरी शक्तियों के इशारे पर पाकिस्तान की आर्थिक प्रगति को बाधित करने के लिए बेकसूर नागरिकों और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाते हैं।
बैठक में क्या हुआ?
पीएम शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में सुरक्षा परिदृश्य, आतंकवाद, कानून व्यवस्था की सामान्य स्थिति, धार्मिक उग्रवाद को बढ़ावा देने के प्रयासों के खिलाफ कार्रवाई, अवैध संगठन और अपराध-आतंकवाद गठजोड़, विध्वंस एवं भ्रामक सूचना अभियान जैसे अन्य महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी गई।
आतंक के खिलाफ जरूरी है अभियान
समिति ने इस बात पर बल दिया कि दलीय आधार पर राजनीतिक समर्थन और पूर्ण राष्ट्रीय सहमति ‘‘आज्म-ए-इस्तेहकाम’’ दृष्टिकोण के ढांचे के अंतर्गत राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी अभियान को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी एजेंसी (एनएसीटीए) को पुनर्जीवित करने और पर भी सहमति जरूरी है। (भाषा)
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