
लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पंजाब प्रांत में अपनी बेटी मरियम नवाज की सरकार में एक नई जिम्मेदारी मिली है। पंजाब सरकार ने तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को लाहौर विरासत पुनरुद्धार प्राधिकरण (LAHR) का प्रमुख संरक्षक नियुक्त किया है। नवाज अब लाहौर में औपनिवेशिक युग की कई इमारतों के पुनरुद्धार की निगरानी करेंगे।
PTI ने कसा तंज
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष पर कटाक्ष किया और उन्हें सरकारी ‘नौकरी’ पाने के लिए बधाई दी। विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वरिष्ठ नेता शौकत बसरा ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वर्ष 2024 के चुनावों में अपनी पार्टी की अपमानजनक हार के बाद नवाज शरीफ एक सेवानिवृत्त जीवन जी रहे थे। इमरान खान का जनादेश छीन लिया गया। खान का जनादेश नवाज और जरदारी की पार्टियों को दे दिया गया।’’
'नवाज की बेटी मरियम ने दिया काम'
पीटीआई नेता ने कहा, ‘‘अब, नवाज की बेटी एवं पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम ने उन्हें करने के लिए कुछ काम दिया है। नवाज के स्वास्थ्य के लिए यह बेहतर होगा कि वह एक सेवानिवृत्त राजनेता के रूप में पुरानी इमारतों के पुनरुद्धार के काम में खुद को व्यस्त रखें।’’ पंजाब सरकार ने 100 से अधिक इमारतों को ‘ऐतिहासिक विरासत स्थलों’ के रूप में वर्गीकृत किया है।
नवाज शरीफ ने क्या कहा?
इस बीच नवाज शरीफ ने लाहौर की विरासत को बहाल करने के लिए वाल्ड सिटी अथॉरिटी लाहौर से एक व्यापक योजना मांगी है। शरीफ ने कहा, "पुराना लाहौर खूबसूरत है और इसे इसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाना चाहिए। हमारी खोई हुई विरासत को संरक्षित करना एक राष्ट्रीय कर्तव्य है।"
नवाज शरीफ का सियासी सफर
पहली बार (1990-1993)
नवाज शरीफ का राजनीति में प्रवेश 1980 के दशक में हुआ था जब वो पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे। शरीफ 1990 में पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने। हालांकि, राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान के साथ मतभेदों के कारण उन्हें 1993 में इस्तीफा देना पड़ा।
दूसरी बार (1997-1999)
1997 में नवाज शरीफ ने दूसरी बार सत्ता संभाली। इस कार्यकाल में उन्होंने परमाणु परीक्षण (1998) कराकर पाकिस्तान को एक परमाणु शक्ति बना दिया, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी। लेकिन, उनकी सरकार को 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने तख्तापलट कर हटा दिया और उन्हें देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया।
तीसरी बार (2013-2017)
2013 में नवाज शरीफ तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस कार्यकाल में उन्होंने सीपीईसी (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) जैसी परियोजनाओं की शुरुआत की। लेकिन 2017 में, पनामा पेपर्स मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य ठहरा दिया गया और पद से हटा दिया गया। (भाषा)
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