Pakistan News: पाकिस्तान में हाल ही में चुनाव संपन्न हुए। इसके बाद जब किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला तो जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गई। इसके बाद नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन और बिलावल भुट्टो की पार्टी पीपीपी ने मिलकर सरकार बनाई और शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। वहीं आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति बने। नवाज शरीफ की बेटी पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री बनीं। लेकिन पंजाब सरकार की बैठकों की अध्यक्षता नवाज शरीफ कर रहे हैं। इससे नया विवाद खड़ा हो गया है।
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज यानी पीएमएल-एन के शीर्ष नेता नवाज शरीफ ने पंजाब सरकार की तीन सरकारी बैठकों की अध्यक्षता कर विवाद खड़ा कर दिया है। बात यह है कि पास प्रांतीय या संघीय सरकार में कोई भी पद नहीं है। पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ पिछले महीने हुए आम चुनाव चुनाव के बाद से सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखे थे।
पंजाब सरकार की बैठक में मरियम की बजाय नवाज ने जारी किए निर्देश
पाकिस्तानी मीडिया ‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक नवाज शरीफ ने सोमवार को उनकी बेटी मरयम नवाज के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तीन बैठकों की अध्यक्षता की। बैठक के बाद जारी किए गए बयान में कहा गया है कि नवाज शरीफ ने भूमिगत ट्रेन और मेट्रो बस समेत विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, किसानों की दुर्दशा, स्टूडेंट्स के लिए इलेक्ट्रिक बाइक और रमजान राहत पैकेज के संबंध में मंत्रियों और अधिकारियों को निर्देश जारी किए। शरीफ के इन बैठकों की अध्यक्षता से कई सवाल भी उठ रहे हैं, क्योंकि उनके पास प्रांतीय या संघीय सरकार में कोई आधिकारिक पद नहीं है और वह सिर्फ नेशनल असेंबली के सदस्य हैं।
नवाज शरीफ को हाल ही में कोर्ट से मिली बड़ी राहत
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार को कोर्ट से सबसे बड़ी राहत मिली है। भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री के दो बेटों के खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट रद्द कर दिया। इससे पहले चुनाव के दौरान नवाज को भी कई मामलों में राहत मिल चुकी है। चुनावों से पहले नवाज शरीफ को ही पाकिस्तान में अगले प्रधानमंत्री के लिए सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा था। मगर सेना की पसंद उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ थे। इसलिए उनका पत्ता कट गया। हालांकि छोटे भाई शहबाज के पीएम बनते ही नवाज के परिवार को 8 साल पुराने इस मामले में बड़ी राहत मिल गई है।