Highlights
- पाकिस्तान में मच्छरदानी की किल्लत
- भारत से मच्छरदानी मांग सकता है
- बाढ़ प्रभावित इलाकों में फैला मलेरिया
Pakistan Malaria Cases: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की मुसीबतें कम होने के बजाय लगातार बढ़ रही हैं। जहां एक तरफ आर्थिक संकट बढ़ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ विनाशकारी बाढ़ अपना कहर बरपा रही है। यहां मलेरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है। स्थिति इतनी खराब है कि लोगों के पास खुद को मच्छरों से बचाने के लिए मच्छरदानी तक नहीं है। इस मुश्किल वक्त में पाकिस्तान को भारत की याद आ रही है। खाने के सामान के दाम बढ़ने की वजह पहले से ही पाकिस्तान में भारत के साथ व्यापार मार्ग खोलने की मांग जोर पकड़ रही है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार भी भारत के साथ व्यापार करने को तैयार है, ताकि लोगों की मुश्किलें कम की जा सकें।
पाकिस्तान में नई समस्या का नाम मलेरिया है, जिसके मामले रिहायशी इलाकों में बाढ़ के पानी के घुसने की वजह से तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, संक्रामक और जल जनित बीमारियों से सोमवार को नौ लोगों की मौत हो गई। इस बीमारी से मरने वालों की संख्या अब 318 हो गई है। बाढ़ में अब तक 1,545 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें 551 बच्चे और 318 महिलाएं शामिल हैं। दूषित पानी से पैदा होने वाले मच्छरों के कारण मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
71 लाख मच्छरदानी की जरूरत
पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत से मच्छरदानी मंगाने के लिए शहबाज सरकार से इजाजत मांगी है। पाकिस्तान के 26 जिलों में 71 लाख मच्छरदानियों की तत्काल जरूरत है। यहां सिंध और बलूचिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बीते दो महीनों में दो लाख लोग मलेरिया से संक्रमित हुए हैं। इनमें से 22 फीसदी मामले प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम टाइप के हैं। पाकिस्तान जून मध्य से ही बाढ़ का सामना कर रहा है, जिससे 33 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
पाकिस्तान में घट रहा बाढ़ का पानी
इस तबाही के बाद डॉक्टर और मेडिकल वर्कर्स जल जनित बीमारियों और अन्य संक्रमण का इलाज कर रहे हैं। हालांकि कई इलाकों में बाढ़ का पानी अब घटने लगा है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है कि सभी नदियों, झीलों और जलाशयों में जल का स्तर अब सामान्य हो रहा है। विशेषज्ञों ने भीषण बाढ़ की स्थिति के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुए सिंध प्रांत के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि रविवार को प्रांत में मलेरिया के कुल 68,418 मरीजों की पुष्टि हुई है।