Pakistan News: कंगाल पाकिस्तान के हालात इतने बुरे हो गए हैं कि पूरी दुनिया में कटोरा लेकर कर्ज की 'भीख' मांगने का भी एक रिकॉर्ड बन सकता है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ खुद अरब देशों की विजिट करके देश को चलाने के लिए कर्ज की भीख मांग चुके हैं। वहीं पाकिस्तान की सेना के के जनरल भी कर्ज के लिए झोली फैलाने से नहीं हिचके हैं। चाहे पूर्व सैन्य जनरल बाजवा हों या फिर मुनीर ही क्यों न हों। अब पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य जनरल असीम मुनीर विदेशी कर्ज पर निर्भरता को लेकर परेशानी में बड़बोलापन दिखाने लगे हैं। पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य जनरल मुनीर ने कहा कि 'सभी पाकिस्तानियों को कर्ज की 'भीख' का कटोरा फेंक देना चाहिए।'
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने सोमवार को एक समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमने यह फैसला लिया है कि जब तक पाकिस्तान मौजूदा संकट से बाहर नहीं निकल जाता, सेना आराम से नहीं बैठेगी। जियो न्यूज की खबर के अनुसार पाक आर्मी चीफ ने कर्ज में गले तक डूबे कंगाल पाकिस्तान के लिए कहा, 'पाकिस्तान एक प्रतिभाशाली देश है। सभी पाकिस्तानियों को भिखारी का कटोरा बाहर फेंक देना चाहिए।'
देश की तरक्की को कोई ताकत नहीं रोक सकती: मुनीर
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के ऊपर अल्लाह का आशीर्वाद है। दुनिया की कोई भी ताकत देश की तरक्की को रोक नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और अर्थव्यवस्था एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे के लिए अपरिहार्य हैं। अक्सर पाकिस्तान के सेना प्रमुख को खुद कर्ज के लिए सऊदी अरब और यूएई के चक्कर लगाते देखा जा चुका है।
मुनीर को समझना होगा क्या है हकीकत और क्या है फसाना
जनरल मुनीर हताशा में जरूर यह बात कह रहे हैं कि कर्ज का कटोरा फेंक देना चाहिए। लेकिन मुनीर को यह समझना होगा कि केवल कहनेभर से पाकिस्तान का भला नहीं होने वाला। महंगाई आसमान पर है। पाकिस्तानी रुपए की कीमत गिर रही है। विदेशी खजाना खाली होने की कगार पर है। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में महंगाई दर 40 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है। पिछले माह जारी आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान की वार्षिक महंगाई मई में साल-दर-साल आधार पर रिकॉर्ड 37.97 प्रतिशत पहुंच गई है।
पाकिस्तान पर बढ़ा दिवालिया होने का खतरा
पाकिस्तान, इस समय आजादी के बाद के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान का राजनीतिक संकट तो जगजाहिर है, कई विदेशी कर्ज की ब्याज की किस्तें जून में मेच्योर हो रही हैं। ऐसे में पाकिस्तान को यदि जल्द कोई मदद न मिली तो उस पर डिफॉल्ट होने का भी पूरा खतरा है। आईएमएफ ने जरूर कर्ज देना स्वीकार कर लिया है। सउदी अरब ने भी कर्ज की इमदाद दे दी है, लेकिन पाकिस्तान की दिक्कत यह है कि उसे कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ता है।
जरूरी चीजों की महंगाई से बेदम हुई जनता
पाकिस्तान के ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मादक पेय और तंबाकू की श्रेणियों में महंगाई की दर 123.96 प्रतिशत है, वहीं मनोरंजन और संस्कृति पर 72.17 प्रतिशत और परिवहन में 52.92 प्रतिशत दर्ज की गई थी। खाद्य समूह में, जिन वस्तुओं की कीमतें पिछले साल की तुलना में मई में सबसे अधिक बढ़ी थीं, वे सिगरेट, आलू, गेहूं का आटा, चाय, गेहूं और अंडे और चावल थे।