Pakistan on Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का प्रावधान खत्म करने के बाद से ही पाकिस्तान को तेज मिर्ची लगी है। वह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35-ए हटाए जाने के दर्द को भूल नहीं पा रहा है। यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान अक्सर अपना रोना रोता रहता है। एक बार फिर से पड़ोसी देश ने जम्मू-कश्मीर लेकर जुबानी जहर उगला है। पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली बार-बार की ऐसी हरकतें उसकी निम्न मानसिकता के बारे में भी बताती हैं।
'हम भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन...'
पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि वह भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है, लेकिन नयी दिल्ली को कश्मीर सहित लंबित मुद्दों का संवाद के जरिये समाधान हेतु गंभीरता दिखानी चाहिए। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुम्ताज जहरा बलोच ने कहा कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया के सभी देशों के साथ आपसी सम्मान और संप्रभु समानता के आधार पर पड़ोसियों के साथ शांति की नीति को जारी रखेगा। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान की रुचि शांति और संवाद में है और यह भारतीय प्राधिकारियों पर है कि वे रिश्ते को सुधारने के लिए जिम्मेदार रुख अपनाएं। पाकिस्तान का मानना है कि रिश्ते तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि जम्मू-कश्मीर समेत सभी लंबित विवादों का समाधान न हो जाए।'
अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद से बौखलाया हुआ है पाकिस्तान
पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता ने साथ ही कहा कि उनका मुल्क कश्मीर विवाद का संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत समाधान की कोशिश करता रहेगा। बता दें कि पाकिस्तान-भारत रिश्तों में कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण हैं। दोनों देशों के संबंध उस समय अपने निचले स्तर पर आ गए जब भारत ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के प्रावधान अनुच्छेद-370 को समाप्त कर दिया। भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी और भारतीय राजदूत को वापस भेजने के साथ कूटनीतिक संबंधों को सीमित कर दिया। वर्ष 2019 के बाद से दोनों देशों के व्यापारिक संबंध लगभग ठप है।
भारत ने कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमारा अविभाज्य हिस्सा
भारत ने पाकिस्तान से कई मौकों पर कहा है कि पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश देश का अखंड और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा। अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद पाकिस्तान ने काफी कोशिश की थी कि वैश्विक मंचों पर भारत को घेरा जाए, लेकिन वह सफल नहीं हो सका था। ऐसे में चाहे इमरान खान की सरकार रही हो या अब शहबाज शरीफ की सरकार हो, पाकिस्तान हमेशा कश्मीर राग अलापता रहता है।