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घोर संकट में पाकिस्तान, भंडार में बस इतने दिनों के लिए बचा है विदेशी मुद्रा, शहबाज सरकार के उड़े होश!

कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से भी देश जूझ रहा है। देश के केंद्रीय बैंक ने लगभग 28 प्रतिशत की वार्षिक उपभोक्ता मुद्रास्फीति को कम करने के लिए अपनी प्रमुख ब्याज दर को बढ़ाकर 17 फीसदी कर दिया है।

Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Updated on: February 02, 2023 23:45 IST
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ- India TV Hindi
Image Source : फाइल फोटो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

शहबाज सरकार अपने देश के बुरे हालात कैसे संभाले? यह एक बहुत बड़ा टास्क है। इधर आईएमएफ ने पाकिस्तान की लोन मैनेजमेंट स्कीम को खारिज कर दिया है। उधर पाकिस्तान के भंडार में केवल तीन सप्ताह के आयात के भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा बचा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हजारों शिपिंग कंटेनर बंदरगाहों पर जमा हो रहे हैं, और भोजन और ऊर्जा जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमत आसमान छू रही हैं। 220 मिलियन के देश में कीमतों में बेतहाशा उछाल के कारण गैस स्टेशनों पर लंबी लाइनें लग रही हैं।

शहबाज सरकार पर बढ़ा दबाव

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से अरबों डॉलर के आपातकालीन वित्तपोषण को अनलॉक करने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार पर दबाव बढ़ रहा है, जिसने इस सप्ताह वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की मुद्रा, रुपया, हाल ही में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले नए निचले स्तर पर गिर गया, जब अधिकारियों ने आईएमएफ की उधार शर्तों में से एक को पूरा करने के लिए मुद्रा नियंत्रण में ढील दी। सरकार आईएमएफ द्वारा अनुरोध किए गए परिवर्तनों का विरोध कर रही थी, जैसे कि ईंधन सब्सिडी को कम करना, क्योंकि वह अल्पावधि में नई कीमतों में वृद्धि का कारण बनेंगे।

केंद्रीय बैंक ने बढ़ाया ब्याज दर

कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से भी देश जूझ रहा है। देश के केंद्रीय बैंक ने लगभग 28 प्रतिशत की वार्षिक उपभोक्ता मुद्रास्फीति को कम करने के लिए अपनी प्रमुख ब्याज दर को बढ़ाकर 17 फीसदी कर दिया है। देश जिन कुछ मुद्दों का सामना कर रहा है वह पाकिस्तान के लिए विशिष्ट हैं।

16 बिलियन डॉलर की जरूरत

पिछली गर्मियों में बाढ़ ने भी पुनर्निर्माण और सहायता के लिए भारी बिल का नेतृत्व किया है, जिससे सरकारी बजट पर तनाव बढ़ गया है। विश्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि क्षति और नुकसान से निपटने के लिए कम से कम 16 बिलियन डॉलर की आवश्यकता है।

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