China on Pakistan Issue: इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरा पाकिस्तान धधक उठा है। सरकारी दफ्तरों, इमारतों और वाहनों तहस नहस किया जा रहा है या जलाया जा रहा है। बेकाबू होती स्थिति पर जहां अमेरिका, ब्रिटेन, युनाइटेड नेशन, यूरोपीय संघ ने जहां चिंता जताई है, वहीं पाकिस्तान के दोस्त चीन ने इस बड़े मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। चीन की इस चुप्पी के क्या मायने हैं, यह समझने का विषय है। वहीं दूसरी ओर यूरोपीय संघ का कहना है कि वह स्थिति पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है।
पाकिस्तान में मचे बवाल और जनता के आक्रोश से पाकिस्तान की सेना अवाक है। पाकिस्तान की आर्मी को यह उम्मीद नहीं थी कि इमरान खान के जेल जाने पर इमरान की पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ ही देश की आवाम भी इस कदर आक्रोशित हो जाएगी। पाकिस्तान में मचे इस बवाल के बाद भी चीन खासतौर पर चुप्पी साधे बैठा हुआ है। 'ड्रेगन' की इस चुप्पी को पाकिस्तान की आर्मी से चीन को जोड़कर देखा जा सकता है। पाकिस्तान की आर्मी चीन के काफी कितनी करीब है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इमरान खान की गिरफ्तारी से दो हफ्ते पहले ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर चीन के दौरे पर थे। असीम मुनीर एकमात्र विदेशी सैन्य प्रमुख हैं, जो नियमित अंतराल में चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और शीर्ष राजनयिकों से मुलाकात करते हैं। पीटीआई प्रमुख और पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी से सिर्फ 3 दिन पहले चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें अफगानिस्तान के समकक्ष भी मौजूद थी। इस दौरान पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों ने मुलाकात भी की थी।
भारत के ताकतवर अस्तित्व पर टिकी है चीन और पाक की 'नापाक' दोस्ती
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक भारत का अस्तित्व है और उसके पास ताकत है, तब तक भारत, चीन और पाकिस्तान के बीच संबंधों की आधारशिला बना रहेगा। पाकिस्तान के घरेलू मामलों से इस तथ्य में कोई बदलाव नहीं आएगा। इसका एक ताजा उदाहरण यह भी है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैक लिस्ट करने के भारत के प्रस्ताव को वीटो लगाकर रोक दिया। अब्दुल रऊफ जैश के मुखिया आतंकी मसूद अजहर का भाई है। उसका जन्म 1974 में पाकिस्तान में हुआ था
इमरान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में फैली हिंसा और आगजनी
भ्रष्टाचार के एक मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी से गुस्साए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान के समर्थक बुधवार को सेना के जनरल हेडक्वार्टर्स में घुस गए थे। उन्होंने सेना के वाहनों तथा प्रतिष्ठानों पर हमला करते हुए लाहौर कोर कमांडर के आवास को आग लगा दी थी। लाहौर छावनी में मंगलवार को ‘जिन्ना हाउस’ के नाम से पहचाने जाने वाले कोर कमांडर के आवास पर हमला करने के लिए पीटीआई अध्यक्ष, उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी और अन्य पर हत्या, आतंकवाद तथा 20 अन्य जघन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
खान और अन्य पर जिन्ना हाउस से 15 करोड़ रुपये मूल्य का कीमती सामान लूटने का भी आरोप लगाया गया है। वहीं दूसरी ओर सड़कों पर सरकारी वाहनों और पेशावर में रेडियो पाकिस्तान जैसे सरकारी भवनों को निशाना बनाया गया है। हालात बेकाबू होते देख कई प्रांतों में सेना को मोर्चा संभालना पड़ा है।