इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार को एक पुलिस चौकी को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती हमले में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई। सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह विस्फोट अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तरी वजीरिस्तान कबायली जिले के मीर अली तहसील में असलम जांच चौकी पर हुआ। सूत्रों ने बताया कि 3 पहिया वाहनों पर सवार होकर आए हमलावरों ने जांच चौकी और सुरक्षा बलों के वाहनों को टक्कर मारी, जिसमें कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई।
‘हताहतों की संख्या बढ़ सकती है’
सूत्रों के मुताबिक, मारे गए लोगों में 4 पुलिसकर्मी, 2 सैनिक और 2 नागरिक शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि विस्फोट में कई अन्य लोग घायल हुए हैं, जिन्हें मीरान शाह अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। बता दें कि अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इस बीच सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है। खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर फैसल करीम कुंदी ने हमले की निंदा की है और कहा है कि क्षेत्र से आतंकी संगठनों के पूरी तरह खत्म होने तक उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
डेरा इस्माइल खान में भी हुआ था हमला
बता दें कि कुछ ही घंटे पहले खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान जिले में आतंकवादियों ने गुरुवार को एक जांच चौकी पर हमला किया था, जिसमें 10 सुरक्षाकर्मी मारे गए और 3 अन्य घायल हो गए थे। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था कि डेरा इस्माइल खान जिले के दाराबान इलाके में जांच चौकी पर गुरुवार को हमले के बाद हुई मुठभेड़ में सुरक्षाकर्मी मारे गए। अधिकारी के अनुसार, हमले के तुरंत बाद जवानों की एक टुकड़ी मौके पर पहुंची और हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन चलाया गया। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हमले में 10 जवानों ने अपनी जान गंवा दी।
इलाके में सक्रिया है तहरीक-ए-तालिबान
बता दें कि इस इलाके में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी कि TTP सक्रिय है और ऐसे अनेक हमलों में पाकिस्तान के सुरक्षाबलों को निशाना बनाया जाता रहा है। पाकिस्तान TTP पर लगातार अफगानिस्तान स्थित पनाहगाहों से गतिविधियां चलाने का आरोप लगाता रहा है। काबुल में 2021 में तालिबान की सरकार बनने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवाद की घटनाओं में इजाफा देखने को मिला है। 48 घंटों के भीतर दूसरे बड़े हमले से पाकिस्तान में दहशत है और लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। (भाषा)