Highlights
- पूर्व पाकिस्तानी पीएम इमरान हो सकते हैं गिरफ्तार
- आतंकवाद-रोधी अधिनियम के तहत केस दर्ज
- पीटीआई पार्टी ने दी इस्लामाबाद पर कब्जे की धमकी
Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान किसी भी वक्त गिरफ्तार हो सकते हैं। ऐसी खबरें हैं कि वह इससे बचने के लिए फरार हो गए हैं। ताजा मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि वह रावलपिंडी में जुलूस निकालने के बाद से वापस नहीं लौटे हैं। वह गिरफ्तारी से बचने के लिए पंजाब सरकार की देखरेख में किसी सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए चले गए हैं। वहीं बानी गाला में उनके आवास के बाहर हजारों की संख्या में लोग जुटे हुए हैं। खान कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। पाकिस्तान अखबार डॉन की रिपोट्स के अनुसार, इस्लामाबाद पुलिस गाला में इमरान खान की तलाशी करने पहुंची थी, लेकिन कानून व्यवस्था ठीक नहीं होने की वजह से अपना काम नहीं कर सकी।
इमरान खान की पूर्व सरकार में मंत्री पद पर रहे अली अमीन खान ने चेतावनी दी है कि अगर खान को गिरफ्तार किया गया, तो पीटीआई कार्यकर्ता इस्लामाबाद पर कब्जा कर लेंगे। हसन नियाजी ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल बुलाई है। पीटीआई के कार्यकर्ता लगातार ट्वीट करते हुए कह रहे हैं कि इमरान खान की गिरफ्तारी को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अली अमीन गंदापुर ने पुलिस को धमकी दी है कि वह राजनीतिक युद्ध का हिस्सा न बने।
'लड़ने दो और फैसला होने दो'
अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'अगर आयातित सरकार ने इमरान खान को गिरफ्तार किया, तो हम इस्लामाबाद पर कब्जा कर लेंगे। और मेरा पुलिस के लिए ये संदेश है कि वह आगे इस राजनीतिक युद्ध का हिस्सा न बने, नहीं तो हम तुम्हारे साथ पुलिस जैसा नहीं बल्कि पीडीएम कार्यकर्ताओं जैसा व्यवहार करेंगे। पीटीआई और पीडीएम नेतृत्व को लड़ने दो और इस बार फैसला हो जाने दो। पीटीआई नेता हमद अजहर ने लोगों से अपील की है कि वह लाहौर के लिबर्टी चौक और फैजलाबाद के समंदरी में फारुख हबीब पर आकर एकत्रित हों।'
इमरान खान पर शनिवार को इस्लामाबाद रैली में पुलिस, न्यायपालिका और अन्य सरकारी संस्थानों को धमकी देने के आरोप में आतंकवाद-रोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस संबंध में जानकारी रविवार को सामने आई थी। इससे पहले, पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने रविवार को कहा कि रैली में राज्य के संस्थानों को धमकी देने और भड़काऊ बयान देने के आरोप में सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ मामला दर्ज करने पर विचार कर रही है। खान के खिलाफ शनिवार रात 10 बजे इस्लामाबाद के मारगल्ला थाने में आतंकवाद-रोधी अधिनियम की धारा-7 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इमरान खान ने भी दी थी धमकी
इसमें कहा गया कि खान के भाषण ने पुलिस, न्यायाधीशों और देश में भय एवं अनिश्चितता की स्थिति पैदा की है। इमरान खान ने शनिवार को यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए शीर्ष पुलिस अधिकारियों, एक महिला मजिस्ट्रेट, पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराने की धमकी दी थी। उन्होंने अपने सहयोगी शहबाज गिल के साथ हुए बर्ताव को लेकर यह चेतावनी दी थी, जिन्हें राजद्रोह के आरोप में पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था। सनाउल्लाह ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख अपने भाषणों में सेना और अन्य संस्थानों को निशाना बनाते रहे हैं और उन्होंने अपने इस अभियान को जारी रखा है।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने खान के नए भाषण पर एक रिपोर्ट तैयार की है और वह इस संबंध में आगामी कुछ दिनों में अंतिम निर्णय लेने से पहले महाधिवक्ता और कानून मंत्रालय से परामर्श कर रहा है। इससे पहले पाकिस्तान में मीडिया पर निगरानी रखने वाली संस्था ने सभी उपग्रह टेलीविजन चैनलों पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खान के भाषणों के सीधे प्रसारण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) ने शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि टेलीविजन चैनल बार-बार चेतावनी देने के बावजूद ‘सरकारी प्रतिष्ठानों’ के खिलाफ सामग्री के प्रसारण को रोकने में नाकाम रहे हैं।
इमरान खान के आरोप निराधार बताए गए
इसमें कहा गया, ‘ऐसा देखा गया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान अपने भाषणों/वक्तव्यों में सरकारी प्रतिष्ठानों पर लगातार निराधार आरोप लगा रहे हैं और उकसावे वाले बयानों के जरिए घृणास्पद भाषणों का प्रचार कर रहे हैं, जिससे कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में मुश्किल हो सकती है और इससे सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका है।’ नियामक ने कहा कि खान के भाषण संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन हैं और मीडिया की आचार संहिता के खिलाफ हैं। पीटीआई के अध्यक्ष पर लगाए गए प्रतिबंधों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार फासीवादी सरकार है।
इस बीच, खान ने रविवार रात रावलपिंडी के लियाकत बाग मैदान में एक रैली को संबोधित किया था। खान ने पेमरा पर अपने भाषणों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने को लेकर कहा, ‘अब पेमरा भी इस खेल में शामिल है। इमरान खान ने क्या किया है? मेरा एकमात्र अपराध यह है कि मैं इस ‘आयातित सरकार’ को स्वीकार नहीं कर रहा हूं।’ हालांकि इसी रैली के बाद इमरान वापस नहीं लौटे हैं।