Highlights
- पाकिस्तान में विधायकों की खरीद फरोखत का दावा
- इमरान ने 50 करोड़ ऑफर करने का आरोप लगाया
- पंजाब में विधायकों को खरीदने की बात कही गई
Pakistan Horse Trading Imran Khan: पाकिस्तान में एक सरकार के गिरने के बाद दूसरी सरकार आ गई, और अब जल्द ही आम चुनाव कराने की बात हो रही है लेकिन बावजूद इसके यहां राजनितिक उथल पुथल नहीं थम रही है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब प्रांत में विधायकों की खरीद फरोखत को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि पंजाब में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विधायकों को 50 करोड़ रुपये ऑफर किए जा रहे हैं। खान ने दावा किया है कि पंजाब चुनाव में उनके विधायकों को पार्टी का साथ छोड़ने के बदले जो रिश्वत दी गई है, उसके पीछे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी का हाथ है।
इमरान खान ने कहा कि दो महीने पहले पंजाब प्रांत में 25 विधायक पीटीआई पार्टी को छोड़कर विपक्ष के पाले में चले गए थे। इसी वजह से इमरान की सरकार गिर गई और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहबाज बहुमत साबित करके मुख्यमंत्री बन गए थे। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की सदस्यता को रद्द कर दिया और उन्हें दलबदल को दोषी ठहराया। इमरान खान ने इस मसले पर ट्वीट भी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि विधायकों की खरीद फरोखत आज लाहौर के सिंध हाउस में दोहराई गई है। विधायकों को खरीदने के लिए 50 करोड़ रुपये ऑफर किए गए हैं। इसके पीछे आसिफ जरदारी का हाथ है। जिन्हें अपने भ्रष्टाचार के लिए एनआरओ (नेशनल रिकॉन्सिलिएशन ऑर्डिनेंस) मिला है और वह संपत्ति को लूटकर लोगों को खरीद रहे हैं।
इमरान खान ने बताया लोकतंत्र पर हमला
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि इन लोगों को जेल में होना चाहिए। खान ने कहा कि विधायकों की ईमानदारी को खरीदना न केवल लोकतंत्र पर हमला है बल्कि समाज के नैतिक ताने-बाने पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने अपना काम किया होता और इन विधायकों पर बैन लगाया होता, तो यह एक मिसाल होती। क्या अमेरिकी सरकार के आकाओं ने पाकिस्तान में एक आयातित सरकार स्थापित करने की साजिश नहीं रची है? इससे देश को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इमरान खान के दावे से एक दिन पहले ही पीटीआई के कई नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए रिश्वत ऑफर की गई थी।
खुफिया एजेंसियों के इस्तेमाल का आरोप
पीटीआई के विधायकों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने खुफिया एजेंसियों और पुलिस के जरिए वोटों की हेराफेरी के मकसद से उन्हें धमकाया और उनपर दबाव डाला है। इस बीच पीटीआई के ही एक अन्य नेता शहबाज गिल ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के एक विधायक को जरदारी और पीएमएल-एन ने 25 करोड़ रुपये में खरीदा है। उन्होंने बताया कि इमरान खान के निर्देशों पर इस कथित खरीद फरोखत के खिलाफ आज लाहौर के लिबर्टी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
'विधायक को 40 करोड़ की रिश्वत'
पीटीआई के उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने आरोप लगाया है कि रहीम यार खान से उनकी पार्टी के विधायक मसूद मजीद को 40 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई है। जिसके बाद विधायक तुर्की भाग गया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके पीछे आसिफ अली जरदारी का हाथ है। फवाद चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी के तीन और विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे सौंपे हैं। जिसमें उन्होंने बताया है कि उन्हें किस तरह रिश्वत ऑफर की गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीएमएल-एन नेता अताउल्लाह तरार पीटीआई सांसदों को कथित रिश्वत देने के मामले में शामिल हैं।