आतंकवाद फैलाने के मामले में पाकिस्तान दुनिया भर में मशहूर है। वह न केवल आतंकवाद को फैलाता है, बल्कि आतंकियों को भी अपने यहां सुरक्षित पनाह देता है। अगर हम कहें कि आतंकवादी ही पाकिस्तान से निकलते हैं, तो इसमें कोई गलत बात नहीं होगी। पाकिस्तान और आतंकवाद एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं। इस बीच ऐसी खबर आई है, जिसके चलते पाकिस्तान की सरकार चिंता में है। देश के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने गुरुवार को स्वीकार किया कि देश में आतंकवाद की गतिविधियां बढ़ रही हैं, लेकिन उन्होंने इस समस्या से जल्द निपटने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है।
सनाउल्लाह ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों के इस साल जून में हुए संघर्ष विराम से हटने और बुधवार को क्वेटा में एक आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी सहित तीन लोग मारे गए थे। सनाउल्लाह ने कहा कि आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि चिंताजनक है, लेकिन यह 'नियंत्रण से बाहर' नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह चिंताजनक नहीं है ... मत सोचिए कि यह नियंत्रण से बाहर हो रहा है या कुछ समूह की पहुंच से बाहर हो जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि टीटीपी ने हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है, जो ‘‘खतरनाक और निंदनीय’’ है। उन्होंने कहा कि टीटीपी की गतिविधियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा पैदा करती हैं और पड़ोसी अफगानिस्तान के लिए भी यह चिंता का कारण होना चाहिए।
अफगानिस्तान सरकार पर साधा निशाना
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि अफगान सरकार ने दुनिया से वादा किया था कि वे अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे (अफगानिस्तान सरकार) इसका पालन करते हैं, तो यह न केवल पाकिस्तान के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह उनके खुद के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यदि टीटीपी वहां (अफगानिस्तान में) मौजूद है और यहां आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है, तो उनके दावों के विपरीत उनकी धरती का इस्तेमाल किया जा रहा है। टीटीपी ने बुधवार को अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक पुलिस गश्ती ट्रक पर हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 26 घायल हो गए। यह ट्रक प्रांत में पोलियो कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहा था।