Highlights
- सरकारी दफ्तरों में 5 दिन वर्क पॉलिसी लागू कर दी गई
- पाक सेना शुक्रवार को 'ड्राई डे' के रूप में मनाएगी
- इस दिन कोई सरकारी वाहन नहीं चलेगा।
Pakistan: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालात बिगड़ती ही जा रही है। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी वित्तीय स्थिति सुधरने का नाम ही नहीं ले रही है। अब वहां की सरकार हालत सुधारने के लिए अजीबोगरीब तरीके अपना रही है।
सरकार का आदेश- शादियों में परोसी जाए केवल डिश
पाकिस्तान की शाहबाज सरकार ने लोगों को अपने खर्च में कटौती करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत शादी समारोह में मेहमानों को सिर्फ एक तरह की ही डिश परोसी जाएगी। बारात, मेहंदी और वलीमा, भांगड़ा पार्टी सहित सभी समारोह रात 9 बजे तक ही आयोजीय किये जा सकेंगे। वहीं, रात नौ बजे बाद गैरजरूरी स्ट्रीट लाइट्स भी बंद रखी जाएंगी। लेकिन मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंपों, बस टर्मिनलों, दूध की दुकानों आदि को इससे छूट दी गई है।
बिजली बचाने की कोशिश कर रही पाक सरकार
बढ़ती गर्मी के साथ पाकिस्तान में बिजली की भयानक किल्लत चल रही है। सरकार ने बिजली बचाने के लिए आदेश जारी किया है कि सभी मार्केट, शॉपिंग मॉल, मैरिज हॉल और दुकानें रात 9 बजे तक ही खोली जायें। इसके बाद हर जगह धारा-144 लागू रहेगी। अगर कोई इसका पालन नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी ऑफिस अब केवल 5 दिन ही खुलेंगे
साथ ही, अब सरकारी दफ्तर में सिर्फ 5 दिन वर्क पॉलिसी लागू कर दी गई है। जिसके तहत अब सरकारी ऑफिस केवल पांच दिन ही खुलेंगे। सरकार का मानना है कि शनिवार को दफ्तर बंद रखने से हर साल करीब 7830 करोड़ रुपए (भारतीय) बचाए जा सकेंगे। इसके अलावा, शाहबाज सरकार ने शुक्रवार को वर्क फ्रॉम होम का विकल्प देते हुए कर्मचारियों को तेल के लिए दिए जाने वाली रकम में 40% कटौती के आदेश दिए हैं। वहीं, पाक सेना शुक्रवार को 'ड्राई डे' के रूप में मनाएगी और इस दिन कोई सरकारी वाहन नहीं चलेगा।
आम जनता कर रही सरकार के फैसलों का विरोध
सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान का व्यापारी वर्ग नाराज है। स्थानीय व्यापारी नोमन अब्बासी कहते हैं कि ईंधन की बढ़ती कीमतों और महंगाई के चलते व्यवसाय पहले ही ठप पड़े हैं। लोगों के पास पैसा नहीं है। जिस वजह से वे खरीदारी करने के लिए बाजारों में वैसे ही नहीं आ रहे हैं। ऊपर से सरकार के यह फैसले व्यापारियों की कमर तोड़ देंगे।सरकार अपनी मनमर्जी से फैसले ले रही है, जोकि सरासर गलत है। अगर सरकार फैसले को वापस नहीं लेती है तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे।