पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालात खस्ता हो चुकी है। आलम यह है कि उसके पास देश को चलाने तक के लिए पैसे नहीं हैं। सरकारी कर्मचारियों को उनकी तनख्वाह देने तक के लिए उनके पास बजट नहीं है। अब खबर आ रही है कि पाकिस्तान में रेलवे के पास ट्रेनें चलाने के लिए तेल खत्म हो चुका है। कहीं तेल है भो तो बमुश्किल 2 से तीन दिनों तक का ही तेल बकाया बचा हुआ है।
एक-एक बूंद तेल निचोड़ चुका है रेलवे
अगर पाकिस्तान की इस पतली हालत की आंकड़ों में बात करें तो नकदी संकट से जूझ रहे देश का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों (जुलाई-अक्टूबर) में 115 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। ऊपर से पिछले साल जून-जुलाई में आई बाढ़ ने कंगाली में आटा गीला कर दिया था। बाढ़ का असर पाकिस्तान रेलवे पर भी पड़ा था। पाकिस्तानी मीडिया में चल रही रिपोर्टों एक अनुसार पाकिस्तान रेलेव के पास ट्रेनों के संचालन के लिए तेल का पर्याप्त भंडार भी नहीं है। पाकिस्तान मात्र तीन दिन के तेल भंडार वाली ट्रेनें चला रहा है।
केवल एक दिन का तेल बचा था
पाकिस्तानी मीडिया में चल रही ख़बरों के अनुसार, रेलवे विभाग के अधिकारियों ने इस मामले का हल निकालने के लिए रेल मंत्री ख्वाजा साद रफीक से भी अपील की है, लेकिन उनकी तरफ अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है। पाकिस्तान रेलवे के एक अधिकारी ने यह भी कहा कि रेल मंत्री को फ्रेट वैगनों की बोली मामलों की जांच भी करनी चाहिए। जो निजी क्षेत्र को प्रभावित करते हैं। बताया ये भी जा रहा है कि कुछ दिनों पहले तेल का स्टॉक केवल एक दिन के लिए बचा था। जिसके कारण मजबूर होकर रेलवे अधिकारियों ने विशेष रूप से कराची और लाहौर से मालगाड़ियों के संचालन को कम कर दिया था।
20-25 दिन बाद मिल रही सैलरी
इसके साथ ही रलवे विभाग के कर्मचारियों को उनका वेतन और भत्ते भी नहीं मिल पा रहे हैं। इसके साथ ही पिछले एक साल में सेवानिवृत्त हुए कई कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी के रूप में लगभग 25 अरब रुपये की देनदारी बची हुई है। हालात इस कदर तक बिगड़ चुके हैं कि कर्मचारियों को 20-25 दिनों बाद तक उनकी तनख्वाह दी जा रही है और पिछले महीने का वेतन अभी तक नहीं मिला है। जिसके बाद ट्रेन चालकों समेत कई कर्मचारियों ने हालात न सुधरने की हालात में हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।