Highlights
- पाकिस्तानी पीएम अदालत में पेश हुए
- प्रधानमंत्री का एक बेटा फरार
- गृह मंत्री के खिलाफ गैर जमानती वारंट
Criminals in Pakistan Government: पाकिस्तान की राजनीति में महीनों पहले आया तूफान जस का तस बना हुआ है। इसमें हर दिन नए मोड़ आ रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद को जान से मारे जाने की साजिश का दावा किया है। उनका कहना है कि चार लोग उन्हें मारने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनके साथ कुछ भी अनहोनी होती है तो इन साजिशकर्ताओं के नाम देश के सामने रखे जाएंगे। खान हमेशा से ही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को अपराधियों की सरकार बोलते आए हैं। ऐसे में हम अगर पाकिस्तान के ताजा हालात देखें, तो खान की ये बात सच दिखाई देती है।
पीएम शहबाज शरीफ अरबों रुपये के धन शोधन मामले में शनिवार को विशेष अदालत के समक्ष पेश हुए हैं। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने नवंबर, 2020 में शहबाज (70), उनके बेटों हम्जा (47) और सुलेमान (40) के खिलाफ 16 अरब रुपये के धन शोधन मामले में भ्रष्टाचार निरोधी कानून और धन शोधन निषेध कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
मामले की सुनवाई लाहौर की विशेष अदालत में हो रही है, जिसने शहबाज और हम्जा को पहले ही अग्रिम जमानत दे दी है। सुलेमान फिलहाल फरार हैं और ब्रिटेन में रह रहे हैं।
अदालत में शनिवार को सुनवाई के दौरान शहबाज ने अपनी बात रखने की अनुमति मांगी, जो उन्हें दी गई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में मैंने कभी भी भ्रष्टाचार से एक रुपया नहीं कमाया है और ना ही परियोजनाओं पर कमीशन खाया है। मेरे कार्यकाल में, मैं अपना वेतन और अन्य भत्ता भी दे देता था, जो करीब 10 करोड़ रुपये बनता है।’ पिता-पुत्र के वकील अमजद परवेज ने अपने मुव्वकिल को आरोप मुक्त किए जाने के पक्ष में दलील दी और अदालत को बताया कि एफआईए ने अपने पुराने आरोपपत्र से पीकेआर-9 के आरोप हटा दिए हैं क्योंकि उनके मुव्वकिल के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। अब अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख तय की है।
गृह मंत्री के खिलाफ गैर जमानती वारंट
वहीं पाकिस्तान की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में बार-बार तलब किए जाने के बाद भी पेश नहीं होने पर गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह के खिलाफ शनिवार को गैर जमानती वारंट जारी किया है। रावलपिंडी में वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश गुलाम अकबर की अदालत ने यह आदेश जारी किया, क्योंकि अदालत ने महसूस किया कि मामले की जांच के लिए उनकी गिरफ्तारी जरूरी है। इस मामले का संबंध पंजाब के चकवाल जिले के कल्लर कहार इलाके में उन्हें दो संपत्तियां रिश्वत के रूप में दिए जाने से जुड़ा है।
आदेश में कहा गया है कि सनाउल्लाह प्राथमिकी में नामजद किए गए हैं और इस मामले में उनकी गिरफ्तारी ‘जरूरी है, इसलिए आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाए।’ उसमें कहा गया है, ‘रिकार्ड से पता चलता है कि जांच अधिकारी की दलीलें वास्तविक हैं, इसलिए न्याय के हित में उसे स्वीकार किया जाता है और आरोपी राणा सनाउल्लाह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाता है।’ ‘डॉन’ अखबार के अनुसार पंजाब के भ्रष्टाचार निरोधक प्रतिष्ठान ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है। विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘वारंट इसलिए जारी किए गए हैं, क्योंकि सनाउल्लाह बार-बार समन जारी किए जाने के बावजूद भ्रष्टाचार निरोधी जांच में शामिल होने में विफल रहे हैं।’
गिरफ्तार करने के लिए जारी किए गए आदेश
उन्होंने कहा कि मंत्री को गिरफ्तार करने और जांच के लिए प्रस्तुत करने के वास्ते आदेश जारी किए गए हैं। विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्री पर कल्लर कहार में बिस्मिल्लाह हाउसिंग स्कीम में अधिसूचित दर से कम दाम पर दो फार्महाउस खरीदने का आरोप है। ये भूखंड उनकी पत्नी को बतौर रिश्वत दिए गए। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने ट्वीट किया कि पुलिस दल सनाउल्लाह को गिरफ्तार करने रवाना हो चुका है और वह शीघ्र ही इस्लामाबाद के कोहसर थाने पहुंचेगा। उसने कहा, ‘नियमों के मुताबिक राणा सनाउल्लाह को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया स्थानीय पुलिस को सूचित करने के साथ शुरू होगी।’
इस बीच, इस्लामाबाद पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि यदि टीम कोहसर थाने पहुंचती है, तो मामले के दस्तावेज उससे लिए जाएंगे। उसने कहा, ‘भ्रष्टाचार निरोधक प्रतिष्ठान की टीम से अनुपालन के लिए रिकार्ड देने को कहा जाएगा, ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके।’ इस बीच सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि सनाउल्लाह का गिरफ्तारी वारंट ‘इमरान खान के डर को दर्शाता’ है।