Imran Khan Azadi March: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने हकीकी आजादी मार्च निकालने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि 28 अक्टूबर को उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थक लाहौर के लिबर्टी चौक से इस्लामाबाद तक के लिए मार्च निकालेंगे। इमरान खान ने लाहौर में कहा कि मार्च सुबह 11 बजे लिबर्टी चौक से निकलेगा और वह खुद इसका नेतृत्व करेंगे। दूसरी तरफ पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने इमरान खान को धमकी देते हुए कहा है कि अगर इमरान खान ने आजादी मार्च निकाला, तो इस्लामाबाद में सेना की तैनाती की जाएगी। वहीं पाकिस्तान की सेना ये बात पहले ही कह चुकी है कि देश की सुरक्षा के साथ खेलने को किसी भी कीमत पर बर्दाश नहीं किया जाएगा। इस रैली का मकसद शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ लोगों का समर्थन जुटाना है।
लाहौर से इस्लामाबाद तक निकलेगी रैली
इमरान खान ने कहा कि वह ये मार्च असल आजादी पाने के लिए कर रहे हैं और इसकी कोई सीमा नहीं है। उन्होंने कहा है कि वह इस्लामाबाद के जीटी रोड तक पहुंचेंगे और देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले पाकिस्तान के लोग इस्लामाबाद आएंगे। इमरान ने दावा किया कि मैं भविष्यवाणी कर रहा हूं कि यह देश के इतिहास में लोगों का सबसे बड़ा जमावड़ा होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि लॉन्ग मार्च राजनीतिक नहीं बल्कि पाकिस्तान के भविष्य के लिए एक युद्ध है। यह राजनीति से परे कुछ है, यह उन चोरों से आजादी की लड़ाई है जो हम पर थोपे गए हैं। यह जिहाद तय करेगा कि देश किधर जाएगा।
इमरान खान ने बताया रैली का मकसद
अपनी इस रैली की मांग बताते हुए इमरान खान ने कहा कि वह केवल एक चीज चाहते हैं, 'देश का नेतृत्व कौन करेगा, यह लोगों को फैसला लेने दें। हम चाहते हैं कि लोग फैसला करें। आज मैं पूरे देश से अपील करता हूं।' कि आपको फैसला लेना है। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से होगा। इमरान ने कहा कि हम कानून तोड़ने या रेड जोन में नहीं जा रहे हैं। जो कुछ भी इस्लामाबाद में होगा, वह उसी मंजूरी के अनुसार होगा, जो हमें अदालतों ने दी है। सभी से शांतिपूर्ण बने रहने को कहा गया है। और हम यह बताएंगे कि देश कहां खड़ा है।
सरकार पर लगाया हिंसा का आरोप
पीटीआई प्रमुख ने कहा कि उन्होंने पहले भी इसी तरह की रैली निकालने की योजना बनाई थी। 25 मई को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया गया था लेकिन उन्होंने हिंसा की और हमपर हमला कर दिया। ऐसे में अगर वह नहीं रुकते, तो अगले दिन दंगे हो सकते थे और देश में खूनखराबा होता। इसलिए देश को बचाने और अराजकता को रोकने के लिए वह वहीं रुक गए। इमरान खान ने आगे कहा कि वह रैली को लेकर अपने मकसद को स्पष्ट कर देना चाहते हैं क्योंकि उनपर गैर जिम्मेदार होने का आरोप लगाया जा रहा था।