पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को देश के आर्थिक हालात को लेकर सरकार की आलोचना की है। उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की सरकार पर आरोप लगाया कि देश के डिफॉल्ट होने का खतरा है। साथ ही ये भी आरोप लगाया कि मीडिया पाकिस्तान के आर्थिक हालात की जानकारी नहीं दे रही है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान ने मीडिया पर आरोप लगाया कि उसका ध्यान 'तोशाखाना' की हाथ की घड़ी पर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह उनका अधिकार है, वह उसे बेचें या जो चाहें उसका वो करें।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लोगों ने अपनी आवाज नहीं उठाई तो पाकिस्तान डिफॉल्ट में चला जाएगा। उन्होंने लाहौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। रिपोर्ट में इमरान खान के हवाले से लिखा गया है, "मीडिया से बात करने का मेरा आज का मकसद लोगों को जागरुक करना है कि हमारा देश किस दिशा में जा रहा है।" उन्होंने कहा, "अगर हमने अपनी आवाज नहीं उठाई, तो पाकिस्तान वो अनुभव करेगा जो उसने पहले कभी नहीं किया है और हम डिफॉल्ट हो जाएंगे। विदेश से आने वाली सभी फंडिंग रुक जाएगी।"
सरकार को बताया बदमाशों का गिरोह
क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में अपनी सरकार और वर्तमान सरकार के प्रदर्शन की तुलना की। उन्होंने सरकार को डिफॉल्ट के खतरे के लिए जिम्मेदार ठहराया। इमरान खान ने कहा कि लोगों पर थोपे गई बदमाशों के गिरोह को देश की आर्थिक स्थिति की चिंता नहीं है और उस पर बीते 30 साल से पैसा चुराने का आरोप लगाया। रिपोर्ट के अनुसार, खान ने कहा, "डिफॉल्ट का मतलब होगा कि देश में डॉलर के तौर पर होने वाली कमाई का रुक जाना और रुपये का अवमूल्यन होना। हम पर थोपे गए बदमाशों के गिरोह को इनमें से किसी की परवाह नहीं है।"
शहबाज सरकार पर पैसा चोरी का आरोप
उन्होंने आगे कहा, "वह बीते 30 साल से पैसा चुरा रहे हैं। उन्होंने भारी तादाद में पैसा विदेश भेजा है।" इमरान खान ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ताधारी सरकार को कोई चिंता नहीं है, अगर पाकिस्तान डिफॉल्ट हो जाता है। क्योंकि उनका पैसा डॉलर के रूप में विदेश में जमा हुआ पड़ा है। उन्होंने डिफॉल्ट की स्थिति को आम आदमी के लिए चिंता का कारण बताया है। खान ने डिफॉल्ट को देश के लिए बड़ा नुकसान बताया है और जोर देते हुए कहा है कि देश में कोई निवेश नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जब वह पीएम पद से हटे थे, तब डॉलर का दाम 178 पाकिस्तानी रुपये था, जो अब 250 रुपये हो गया है। उन्होंने मीडिया पर घड़ी पर अधिक ध्यान देने और महंगाई की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।