पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर सेना पर निशाना साधा है और स्वतंत्र संस्थाओं को अतीत में कमजोर करने और राजनीतिक वंशवादियों के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया है। 70 साल के खान के अप्रैल में प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद पिछले कुछ महीनों से सेना से उनकी तकरार जारी है। खान ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्ला और मेजर जनरल फैसल नसीर उसी तरह से उनकी हत्या करने की साजिश में शामिल हैं, जिस तरह की एक घटना में 2011 में पंजाब के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर की हत्या कर दी गई थी।
खान पर हाल में हमला हुआ था और एक पैर में गोली लगने से वह घायल हो गए थे। उन्होंने फाइनेंशिल टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘सेना पाकिस्तान के लिए मेरी भविष्य की योजनाओं में रचनात्मक भूमिका निभा सकती है।’’ उन्होंने ब्रिटिश अखबार से कहा, ‘‘लेकिन उसे संतुलित रहना होगा। आप के पास एक ऐसी निर्वाचित सरकार नहीं होनी चाहिए, जिसे जिम्मेदारी तो जनता ने सौंपी हो, लेकिन प्राधिकार कहीं और स्थित हो।’’
इमरान खान ने आरोप लगाया कि सेना ने पूर्व में शरीफ परिवार जैसे राजवंशों के साथ स्वतंत्र संस्थाओं को कमजोर किया और इस तरह से व्यवहार किया, जैसे कि ‘‘वे कानून से ऊपर हों।’’