Highlights
- पाकिस्तान में बाढ़ से अब तक तकरीबन 1200 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
- पूरे देश में स्कूलों, पुलों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्टर्स की बहुत भारी तबाही हुई है।
- बाढ़ के चलते पाकिस्तान का एक बड़ा हिस्सा पानी में डूबा है और लोग बेघर हैं।
Pakistan Floods: पाकिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून की भीषण बारिश के कारण अचनाक आई बाढ़ ने कहर मचाया हुआ है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार तक कुल 1186 लोग बाढ़ के कारण अपनी जान गंवा चुके थे और तकरीबन 5 हजार लोग घायल हुए थे। हालात सही होने की उम्मीद अभी भी नजर नहीं आ रही है, और पहले से ही कोमा में जा चुकी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के दम तोड़ने के आसार साफ नजर आने लगे हैं।
और नुकसान नहीं झेल सकती अर्थव्यवस्था
पाकिस्तान की सरकार के मुताबिक, बाढ़ के चलते अभी तक 10 अरब डॉलर (80 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है। एक-एक अरब डॉलर के लिए दुनिया के तमाम देशों के सामने झोली फैला रहे पाकिस्तान को यह नुकसान काफी भारी पड़ सकता है। बाढ़ ने 3.3 करोड़ पाकिस्तानियों को प्रभावित किया है, तकरीबन 2.5 लाख घर पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं, 7 लाख से ज्यादा पशु मारे गए हैं और हजारों किलोमीटर की सड़क बह गई है। स्कूलों, पुलों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्टर्स की भी भारी तबाही हुई है।
सिंध और बलूचिस्तान में है बुरा हाल
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सिंध में बाढ़ के चलते अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं, करीब एक करोड़ लोगों को अपना घर बार छोड़कर भागना पड़ा है और 60 हजार मकान पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि इस इलाके में हुए नुकसान का सही-सही अंदाजा लगा पाना अभी मुश्किल है। वहीं, बलूचिस्तान में भी बाढ़ ने 250 लोगों की जान ली है और लाखों लोग बेघर हुए हैं। यहां भी आर्थिक नुकसान काफी ज्यादा हुआ है।
बाकी इलाकों में भी हालात ठीक नहीं
खैबर पख्तूख्वा में मॉनसूनी बारिश की इस बाढ़ में 260 जिंदगियां डूब चुकी हैं, जबकि पंजाब में 170 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। बाढ़ के कारण कई इलाकों से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है और लोग बगैर किसी मदद के तड़पने के लिए मजबूर हैं। कई इलाकों में मदद पहुंच भी रही है तो वह नाकाफी साबित हो रही है। यही वजह है कि अब लोगों में धीरे-धीरे असंतोष पनपता हुआ दिखाई दे रहा है। यदि सरकार ने जल्द ही अपने लोगों की सुध नहीं ली तो हालात बेकाबू होने में ज्यादा देर नहीं लगने वाली है।
कई इलाकों से उठ रही बगावत की आवाज
पहले ही महंगाई और आर्थिक उतार-चढ़ाव से दो चार हो रही पाकिस्तान की आवाम सब्र खोती जा रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर सरकार ने बलूचिस्तान और सिंध जैसे इलाकों में राहत कार्यों पर समय रहते ध्यान नहीं दिया, और बाढ़ के चलते बर्बाद हुए लोगों के पुनर्वास के लिए काम नहीं किया तो अराजक स्थिति पैदा हो सकती है। बलूचिस्तान से तो विरोध की आवाजें भी आने लगी हैं और पहले से ही अशांत इस इलाके में हालात बदतर होने के संकेत नजर आने लगे हैं।
सरकार पर लग रहे पक्षपात करने के आरोप
पाकिस्तान की सरकार पर राहत कार्यों में पक्षपात करने के आरोप भी लग रहे हैं। सोशल मीडिया पर यह चर्चा आम है कि जहां बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा एवं अन्य इलाकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, वहीं पंजाब को राहत कार्यों में तवज्जो दी जा रही है। हालांकि यह फिर भी नहीं कहा जा सकता कि पंजाब में हालात बहुत अच्छे हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की कमर पहले ही टूट चुकी है और बाढ़ के बाद पैदा हुए हालात उसे रेंगने पर मजबूर कर सकते हैं।