Highlights
- बलूचिस्तान में बाढ़ से करीब 250 लोगों की मौत हुई है।
- सूबे में 3 लाख एकड़ से ज्यादा की फसल भी नष्ट हुई है।
- बलोचिस्तान बारूद के ढेर पर बैठा हुआ नजर आ रहा है।
Balochistan Flood News: पाकिस्तान में मॉनसून की घनघोर बारिश के चलते आई बाढ़ अब तक सैकड़ों लोगों की जान ले चुकी है। यूं तो बाढ़ की चपेट में पाकिस्तान का लगभग हर सूबा आया है, लेकिन बलूचिस्तान में हालात ज्यादा खराब हैं। पहले ही पाकिस्तान सरकार की तरफ से सौतेला रवैया झेल रहे बलूचिस्तान के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। सरकार यहां राहत और बचाव कार्य में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रही है और यही वजह है कि बलूचिस्तान में बगावत की आग और भी ज्यादा भड़कने के आसार नजर आने लगे हैं।
बलूचिस्तान में भारी नुकसान
बाढ़ के चलते बलूचिस्तान में आधिकारिक तौर पर करीब 250 लोगों की मौत हुई है, हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि सही आंकड़ा इससे कई गुना ज्यादा है। पूरे सूबे में 4 लाख से ज्यादा मकानों को या तो नुकसान पहुंचा है, या वे पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। 3 लाख एकड़ से ज्यादा की फसल भी नष्ट हुई है, जो कि आने वाले दिनों में भुखमरी का कारण बन सकती है। साथ ही 10 लाख से ज्यादा पशु भी मारे गए हैं। माना जा रहा है कि बाढ़ से हुई यह व्यापक तबाही आग में घी का काम कर सकती है।
सरकार पर लगे गंभीर आरोप
पाकिस्तान की सरकार पर बाढ़ राहत कार्यों में बलूचिस्तान के साथ भेदभाव करने के आरोप लग रहे हैं। आवाम का कहना है कि पूरे इलाके में भारी तबाही हुई है लेकिन न तो संघीय सरकार और न ही राज्य सरकार की तरफ से राहत पहुंचाने की दिशा में गंभीरता से काम हुआ है। आसमान में उड़ते हेलिकॉप्टरों से जो राहत सामग्री गिराई भी जा रही है वह जमीन पर आते-आते बिखर जा रही है। आरोप हैं कि सरकार द्वारा दी जा रही राहत सामग्री नाकाफी तो है ही, साथ ही दोयम दर्जे की भी है।
'वे हमें भिखारी समझते हैं'
बलूच नेशनल मूवमेंट के चेयरमैन डॉक्टर नसीम बलोच ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि पाकिस्तान सरकार मदद के नाम पर हमें बेइज्जत कर रही है। उन्होंने लिखा, 'बलूचिस्तान : पाकिस्तानी हेलीकॉप्टर खाने की थैलियों को इतनी ऊंचाई से फेंकते हैं कि वे जमीन पर गिरकर फट जाती हैं और उसमें रखा सामान बिखर जाता है। यह बाढ़ सहायता के नाम पर बलूच आवाम का अपमान है। वे हमें 'भिखारी' समझते हैं। दुनिया को इस बात का अहसास होना चाहिए कि पाकिस्तान वहां पहले से ही नरसंहार कर रहा है।'
और ज्यादा भड़केगी आग?
बलूचिस्तान की आवाम पहले ही पाकिस्तान की सरकार पर बलूच कार्यकर्ताओं की हत्या करने और उन्हें गायब करने का आरोप लगाते रहे हैं। पिछले कई सालों से यह सूबा अशांत है और बाढ़ के बाद पैदा होने वाली आर्थिक बदहाली हालात को बदतर कर सकती है। माना जा रहा है कि अगर पाकिस्तान की सरकार ने वक्त रहते ध्यान नहीं दिया तो यहां बगावत की आग और ज्यादा भड़क सकती है। अगर कहा जाए कि आर्थिक बदहाली के चलते पहले ही टूट चुका पाकिस्तान बिखरने की कगार पर है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।