Highlights
- जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ने ही भेजे थे घुसपैठिये
- पाकिस्तान ने पहली बार माना मारा गया घुसपैठिया था पाकिस्तानी आतंकी
- पाकिस्तान की भारत में नापाक साजिश हुई बेनकाब
Pakistan Exposed on Terror: दशकों से हिंदुस्तान में आतंकवाद की पौध लगाने वाला पाकिस्तान एक बार फिर दुनिया के सामने बेनकाब हुआ है। अगस्त में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी के शव को पाक ने न सिर्फ स्वीकार किया, बल्कि पहली बार उसे पाकिस्तानी भी माना है। इससे यह जाहिर हो गया है कि भारत में आतंकवाद फैलाने के पीछे हमेशा पाकिस्तान का ही हाथ रहा है। यह बात अलग है कि अब तक पाकिस्तान इसे मानने से इंकार कर दिया करता था। मगर इस बार उसे मानना ही पड़ गया कि मारा गया आतंकवादी पाकिस्तानी ही है।
बीते 22 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के राजौरी नौशहरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से घुसपैठ करते समय भारतीय सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था। इसी दौरान एक अन्य आतंकी तबारक हुसैन गंभीर रूप से घायल हो गया था। राजौरी के सैन्य अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद पुंछ सेक्टर के ट्रेड सेंटर चक्का द बाग में तबारक हुसैन का शव पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया गया था। पाकिस्तान ने भारत की ओर से सौंपे गए सुबूतों और दस्तावेजों की पड़ताल के बाद पाकिस्तान ने उसे अपना नागरिक मान लिया है। इससे साफ हो गया है कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ही आतंकवादियों की घुसपैठ करवा रहा था।
पाकिस्तानी सेना कराती है आतंकवादियों की घुसपैठ
जिस तरह से एलओसी पर भारतीय सैनिक सक्रिय रहते हैं। ताकि सीमा पार से कोई घुसपैठ नहीं कर सके। ठीक उसी तरह पाकिस्तान की सेना भी बॉर्डर पर सक्रिय रहती है। अगर पाकिस्तानी सेना की मिलीभगत न हो तो कोई भी आतंकवादी एलएसी तक सुरक्षित नहीं पहुंच सकता है और न ही वह घुसपैठ कर सकता है। इसका मतलब साफ है कि आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना ही भारत में घुसपैठ करवाती है। जो जम्मू-कश्मीर समेत भारत के अन्य हिस्सों में जाकर आतंकवाद की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
भारत में हुए कुछ बड़े आतंकी हमले जिनमें रहा पाकिस्तान का हाथ
- पुलवामा हमलाः 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप पर हमला कर दिया। इसमें 45 जवान शहीद हो गए। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर एअर स्ट्राइक से आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया।
- वर्ष 2016 उरी आतंकी हमला- उरी में पाकिस्तानी आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला कर दिया। इसमें 20 जवान शहीद हो गए। इस दौरान भी भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक करके पीओके में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।
- 26/11 मुंबई आतंकी हमला- 26 नवंबर 2008 में समुद्र के रास्ते आए 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने 159 लोगों की जान ले ली। एक पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब पकड़ा गया, जिसे बाद में फांसी की सजा दी गई।
- वर्ष 2008 में अमहदाबाद में सीरियल ब्लास्ट- वर्ष 2008 में पाकिस्तानी आतंकियों ने अहमदाबाद में 21 जगहों पर सीरियल बम ब्लास्ट किया। इस दौरान 50 से अधिक लोग मारे गए।
- गुवाहाटी धमाकाः वर्ष 2008 में ही 30 अक्टूबर को आतंकियों ने गुवाहाटी में अलग-अलग जगहों पर एक साथ 18 धमाके किए इसमें 80 से अधिक लोगों की जान चली गई।
- जयपुर सीरियल ब्लास्ट- 13 मई 2008 को आतंकियों ने जयपुर में कई जगहों पर सीरियल ब्लास्ट किया। इसमें भी 80 से ज्यादा लोगों की जान गई।
- 2006 मालेगांव ब्लास्ट- वर्ष 2006 में महाराष्ट्र के मालेगांव में आतंकियों ने विस्फोट किया। इसमें 32 लोगों की जान गई। इसी वर्ष मुंबई की लोकल ट्रेन में आतंकी हमले में 210 लोगों की जान गई। इसे इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया था।
- संसद भवन पर हमला-13 दिसंबर वर्ष 2021 में संसद भवन के शीतकालीन सत्र के दौरान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने संसद भवन पर हमला कर दिया। इसमें 09 लोगों की जान गई। सुरक्षा बलों ने पांच पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया।
अपना गुनाह कुबूल करने से कतराता है पाकिस्तान
उक्त सभी बड़े आतंकी हमले पाकिस्तान ने ही करवाए। भारत ने कई बार इन आतंकी हमलों के संबंध में पाकिस्तान को इसका सुबूत भी सौंपा, लेकिन पाकिस्तान ने कभी भी आतंकियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। वह हर बार सुबूतों को नजरअंदाज करता रहा। भारत ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पाकिस्तान को आतंक पर बेनकाब किया, लेकिन पाक बेशर्म बना रहा। वह हमेशा सुबूतों मे कमी निकालकर आंतकियों की तरफदारी करता रहा।