पाकिस्तान की राजनीति में इस समय एक तूफान आया हुआ है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा। इस तूफान ने गुरुवार को उस समय गति पकड़ी, जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर उनके हकीकी आजादी मार्च के दौरान जानलेवा हमला हो गया। इमरान समेत उनके कई सहयोगी गोलीबारी में घायल हो गए। इमरान ने शुक्रवार को दावा किया था कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्ला और मेजर जनरल फैसल नसीर ने उनकी हत्या की साजिश रची और वे 2011 में हुई पंजाब के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर की हत्या की तरह ही धार्मिक उन्मादियों के हाथों उनकी हत्या कराना चाहते थे। इस मामले में चूंकी सेना के वरिष्ठ अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर का भी नाम आया है, ऐसे में पाकिस्तान की सेना की तरफ से बयान जारी किया गया। जिसमें उसने इमरान खान के आरोपों को ‘‘निराधार तथा गैरजिम्मेदाराना’’ बताया।
पाकिस्तानी सेना ने इसके साथ ही सरकार से सरकारी प्रतिष्ठान को बदनाम करने वालों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। सेना के इस बयान पर अब इमरान खान का जवाब आया है। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के ट्विटर अकाउंट से इमरान का एक वीडियो जारी किया गया है। जिसमें वह कहते हैं, 'डीजी आईएसपीआर ने एक बयान दिया। कि क्योंकि इमरान खान ने सेना के एक अधिकारी के ऊपर इल्जाम लगाया है, सारी फौज बदनाम हो रही है। मैं हैरान हूं। इसपर क्या डीजी साहब आपने तवज्जो दी? कि क्या कह रहे हैं। इसका मतलब ये कि मैं एक जज के ऊपर कहूं कि ये जज दो नंबर है, इसका मतलब सारा न्यायतंत्र दो नंबर है?'
इमरान खान ने दिए उदाहरण
उन्होंने वीडियो में आगे कहा, 'अगर कोई कहे कि पीटीआई के अंदर कोई भ्रष्ट आदमी है तो मैं कहूं तुमने सारी पीटीआई को भ्रष्ट कह दिया। ये कोई इसमें लॉजिक है? आपके कोर्ट मार्शल क्यों होते हैं? क्योंकि कोई गलती करता है अधिकारी तो कोर्ट मार्शल है। तो मैं ये कह रहा हूं कि इन तीनों लोगों ने पूरी साजिश के तहत ये किया, तो ये मेरा अधिकार है। और मैं कोई आम आदमी से इसलिए अलग हूं क्योंकि मैं एक राजनीतिक पार्टी का प्रमुख हूं, देश का पूर्व पीएम हूं। मैं अगर एफआईआर में इसका नाम नहीं लिखवा सकता, तो बाकी कौम क्या करती होगी, इस मुल्क में आम आदमी क्या करता होगा। यहां तो सिर्फ जो ताकतवर हैं, वो कानून से ऊपर हैं, आम आदमी को इंसाफ नहीं मिलता यहां।'
पाकिस्तानी सेना ने क्या कहा था?
पाकिस्तानी सेना ने कहा, ‘सेना और खासतौर से सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ पीटीआई के अध्यक्ष के निराधार और गैर जिम्मेदाराना बयान पूरी तरह अस्वीकार्य तथा अनुचित हैं।’ बयान में कहा गया है, ‘संस्थान/अधिकारियों पर लगाए निराधार आरोप बहुत ज्यादा खेदजनक हैं और इनकी कड़ी निंदा की जाती है।’ इसमें कहा गया, ‘किसी को भी संस्थान या इसके कर्मियों की बदनामी नहीं करने दी जाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान सरकार से प्रतिष्ठान तथा इसके अधिकारियों के खिलाफ बिना किसी सबूत के झूठे आरोप लगाने तथा उसे बदनाम करने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाता है।’