Highlights
- पाकिस्तान को अपनी वित्तीय प्रणाली में शेष कमियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए कहा है।
- निर्धारित लक्ष्यों को अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए पाकिस्तान को एक कार्य योजना दी गई थी।
- पाकिस्तान अब तक चीन, तुर्की और मलेशिया की मदद से FATF की काली सूची में शामिल होने से बचता आया है।
इस्लामाबाद: मनी लॉन्ड्रिंग एवं टेरर फंडिंग की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था ‘फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स’ (FATF) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखा है और इस्लामाबाद को अपनी वित्तीय प्रणाली में शेष कमियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए कहा है। शनिवार को एक खबर में यह जानकारी दी गई है। इस बीच, पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने शनिवार को कहा कि उनका देश FATF के बाकी बचे कार्ययोजना बिंदुओं को जल्द ही पूरा कर लेगा।
पाकिस्तान जून 2018 से ही पेरिस स्थित FATF की ग्रे लिस्ट में
ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर ने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान ने एक अभूतपूर्व समयसीमा में धनशोधन संबंधी कार्ययोजना को संबोधित किया है जबकि वह आतंकी वित्त पोषण संबंधी 27 लक्ष्यों में से 26 को पूरा कर रहा है। अजहर ने ट्वीट कर कहा, ‘पाकिस्तान FATF की दोनों कार्ययोजना को पूरा करने से सिर्फ 2 बिंदू दूर है।’ पाकिस्तान धनशोधन और आतंकी वित्तपोषण पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के कारण जून 2018 से ही पेरिस स्थित FATF की ग्रे सूची में बना हुआ है।
पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में रखने का फैसला किया गया
निर्धारित लक्ष्यों को अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए उसे एक कार्य योजना दी गई थी। FATF के आदेशों का पालन करने में विफल होने के कारण पाकिस्तान तब से लेकर अब तक उस ‘ग्रे सूची’ में ही बना हुआ है। समाचार पत्र ‘द डॉन’ की खबर के मुताबिक, कार्य योजना के 34 में से 32 बिंदुओं को पूरा करने के बावजूद FATF की पूरक बैठक के शुक्रवार को हुए समापन सत्र में पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखने का फैसला किया गया है।
FATF की पूरक बैठक के समापन सत्र में पाकिस्तान की सराहना
हालांकि, वित्तीय अपराधों से लड़ने के लिए अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं पर पाकिस्तान के मजबूत कार्यक्रम के लिए FATF की पूरक बैठक के समापन सत्र में उसकी सराहना की गई। गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में FATF ने अपनी 27 सूत्री कार्य योजना के 26 बिंदुओं पर पाकिस्तान के प्रगति करने की बात स्वीकार की थी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूहों के शीर्ष कैडर के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच और अभियोजन को लेकर उसने इस्लामाबाद को अपनी ग्रे सूची में बरकरार रखा था।
‘पाकिस्तान ने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ बेहतर काम किया’
FATF ने यह भी स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने धनशोधन पर एशिया प्रशांत समूह (APG) के 7 कार्य योजना के बिंदुओं को भी पूरा किया है। उसने कहा कि एपीजी से मिली 2021 की हालिया कार्य योजना मुख्य रूप से धनशोधन पर केंद्रित थी और उसने इसके क्रियान्वयन में गंभीर कमियां पाई थीं। खबर के मुताबिक FATF ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने अपने धन शोधन विरोधी अभियान के अलावा आतंकवाद के वित्तपोषण (AML/CFT) के खिलाफ बेहतर काम किया है।
पाकिस्तान के लिए आर्थिक समस्याएं और बढ़ रही हैं
FATF ने पाकिस्तान से कहा कि उसे जल्द से जल्द आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच के मामलों में UN द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के आतंकवादियों और कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। पाकिस्तान अब तक चीन, तुर्की और मलेशिया जैसे करीबी सहयोगियों की मदद से FATF की काली सूची में शामिल होने से बचता आया है। हालांकि, ग्रे सूची में बने रहने के कारण इस्लामाबाद के लिए IMF, विश्व बैंक, ADB और यूरोपीय संघ से वित्तीय मदद हासिल करना मुश्किल होता जा रहा है, जिससे देश के लिए आर्थिक समस्याएं और बढ़ रही हैं।