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पाकिस्तान की अदालत ने भारत से कुलभूषण जाधव के लिए 13 अप्रैल तक वकील नियुक्त करने को कहा

हेग स्थित ICJ ने जुलाई 2019 को एक फैसले में पाकिस्तान से कहा था कि वह जाधव तक भारत को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 03, 2022 21:36 IST
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Image Source : PTI FILE Kulbhushan Jadhav.

Highlights

  • जाधव को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
  • भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच उपलब्ध न कराने पर पाकिस्तान के खिलाफ ICJ का दरवाजा खटखटाया था।
  • खान ने अदालत से कहा कि भारत जानबूझकर मामले में देरी कर रहा है ताकि उसे ICJ के दरवाजे पर दस्तक देने का मौका मिल सके।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के एक हाई कोर्ट ने गुरुवार को भारत से कुलभूषण जाधव के लिए 13 अप्रैल तक कोई वकील नियुक्त करने को कहा ताकि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराए जाने और उन्हें सुनाई गई सजा की समीक्षा से संबंधित मामले में बहस हो सके। भारतीय नौसेना के 51 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच उपलब्ध न कराने पर पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) का दरवाजा खटखटाया था और जाधव की सजा को चुनौती दी थी।

भारत और पाकिस्तान की दलीलों को सुनने के बाद हेग स्थित ICJ ने जुलाई 2019 में एक फैसला दिया था जिसमें पाकिस्तान से कहा गया था कि वह जाधव तक भारत को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराए तथा उनकी सजा की समीक्षा सुनिश्चित करे। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने अगस्त 2020 में चीफ जस्टिस अतहर मिनल्लाह, जज अमीर फारूक और जज मियांगुल हसन औरंगजेब की 3 सदस्यीय बड़ी पीठ का गठन किया था, जिसने बार-बार भारत से जाधव के लिए पाकिस्तान से कोई वकील नियुक्त करने को कहा लेकिन नई दिल्ली यह कहती रही है कि वह जाधव के लिए कोई भारतीय वकील नियुक्त करना चाहती है जिसकी मंजूरी दी जानी चाहिए।

पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने गुरुवार को भारत से जाधव के लिए 13 अप्रैल तक वकील नियुक्त करने को कहा। खान ने अदालत से कहा कि भारत जानबूझकर मामले में देरी कर रहा है ताकि उसे ICJ के दरवाजे पर दस्तक देने का मौका मिल सके और शिकायत की जा सके कि पाकिस्तान जाधव को समीक्षा का अवसर प्रदान करने के अपने फैसले का उल्लंघन कर रहा है। नवंबर 2021 में पाकिस्तान की संसद ने जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा अपील दायर करने का अधिकार देने के लिए एक कानून बनाया था।

पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुनर्विचार) अधिनियम 2021 के तहत जाधव को समीक्षा प्रक्रिया के माध्यम से हाई कोर्ट में अपनी सजा को चुनौती देने की अनुमति मिली जो ICJ के फैसले की आवश्यकता थी। भारत ने कहा है कि कानून पिछले अध्यादेश की ‘कमियों’ को ‘केवल संहिताबद्ध’ करता है और इस्लामाबाद मामले में निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए माहौल बनाने में ‘विफल’ रहा है। पाकिस्तान सरकार ने जब जाधव को समीक्षा दायर करने देने के लिए अध्यादेश जारी किया तो उन्होंने इनकार कर दिया।

बाद में, पाकिस्तान सरकार ने अपने रक्षा सचिव के माध्यम से जाधव के लिए बचाव पक्ष के वकील की नियुक्ति के वास्ते 2020 में इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक मामला दायर किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने नवंबर में कहा था कि पाकिस्तान आईसीजे के आदेश के विपरीत जाधव को निर्बाध राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने से इनकार करता रहा है। भारत ने बार-बार पाकिस्तान से आईसीजे के फैसले का अक्षरश: पालन करने का आह्वान किया है।

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