पाकिस्तान के गवर्नमेंट पोस्टग्रेजुएट कॉलेज टिमरगारा ने अजीबोगरीब निर्देश जारी किया है। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार छात्राओं को परिसर में आने-जाने के दौरान राजनीतिक कार्यक्रमों, जन्मदिन समारोहों और अन्य गतिविधियों में भाग लेने से परहेज करने का निर्देश दिया गया है। कॉलेज के मुख्य प्रॉक्टर प्रोफेसर रियाज मोहम्मद ने औपचारिक रूप से इन निर्देशों को जारी किया है। निर्देशों में कहा गया है कि छात्राओं का हित स्थानीय रीति-रिवाजों का पालन करने में है।
प्रोफेसर ने बताया सही फैसला
डॉन की खबर के मुताबिक, रियाज मोहम्मद ने को-एजुकेशन संस्थानों में सामने आई घटनाओं का हवाला देते हुए फैसले को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि कॉलेज का मकसद ऐसी घटनाओं को रोकना है। प्रोफेसर रियाज ने पैरेट्स से भी कॉलेज प्रशासन के साथ कमियुनिकेशन बनाए रखने का आग्रह किया है। प्रोफेसर मोहम्मद ने अदनजई क्षेत्र के सरकारी हाईस्कूल एडम ढेराई में आयोजित एक कार्यक्रम में निर्देशों के बारे में बताया।
महिलाओं के साथ होता है भेदभाव
वैसे देखा जाए तो यह वास्तविकता है कि पाकिस्तान महिलाओं के रहने के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण देशों में से एक है। यहां महिलाएं सामाजिक अधिकारों से वंचित हैं और उनके साथ भेदभाव हेता है। पाकिस्तान में हत्या, दुष्कर्म, अपहरण, वैवाहिक दुर्व्यवहार, जबरन विवाह और जबरन गर्भपात के मामले आम हैं। ये कड़वी सच्चाई है कि पाकिस्तान महिलाओं के लिए छठी सबसे असुरक्षित जगह है। कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन पाकिस्तान में महिलाओं की असुरक्षा की पुष्टि करते हैं।
खुद को हाशिए पर पाती हैं महिलाएं
द नेशन की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट कहती है कि महिला सशक्तिकरण के मामले में पाकिस्तान 149 देशों में से 148वें स्थान पर है। सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि यहां महिलाएं अक्सर खुद को सांस्कृतिक रूप से हाशिए पर पाती हैं, खासकर शिक्षा, प्रजनन और घरेलू कर्तव्यों में उनकी भूमिका को लेकर। 45 प्रतिशत महिला साक्षरता, पुरुष साक्षरता दर 69 प्रतिशत की तुलना में कम है।
पाकिस्तान में हालात चिंताजनक
द नेशन की रिपोर्ट के अनुसार, लैंगिक असमानता एक वैश्विक चिंता है लेकिन इसका प्रभाव पाकिस्तान में बेहद चिंताजनक है। अज्ञानता और पक्षपाती रवैया इसके पीछे बड़े कारण हैं। माता-पिता का अशिक्षित होना और महिलाओं के संबंध में गलत धार्मिक व्याख्याएं इस असमानता में अहम रोल निभाती है। इसका ताजा उदाहरण सरकारी यूनिवसिर्टी टिमरगारा में जारी निर्देश हैं।
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