Sunday, December 22, 2024
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डिफॉल्टर होने के करीब पहुंचा पाकिस्तान, भारत से साढ़े 3 गुना कमजोर हुआ रुपया, इमरान ने कहा- मुद्रा का कत्लेआम

भारत से मुकाबला करने का सपना देखने वाला कंगाल पाकिस्तान बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है। सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि उसका रुपया भी भारत की तुलना में कहीं नहीं ठहरता। मौजूदा दौर में पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू भारत के मुकाबले साढ़े 3 गुना तक कमजोर हो चुकी है। इससे पाकिस्तान की बाजार ध्वस्त होने की स्थिति में है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 02, 2023 20:46 IST, Updated : Mar 02, 2023 20:46 IST
शहबाज शरीफ, पीएम पाकिस्तान
Image Source : FILE शहबाज शरीफ, पीएम पाकिस्तान

नई दिल्लीः भारत से मुकाबला करने का सपना देखने वाला कंगाल पाकिस्तान बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है। सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि उसका रुपया भी भारत की तुलना में कहीं नहीं ठहरता। मौजूदा दौर में पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू भारत के मुकाबले साढ़े 3 गुना तक कमजोर हो चुकी है। इससे पाकिस्तान की बाजार ध्वस्त होने की स्थिति में है। डॉलर ने पाकिस्तानी रुपये को बौना साबित कर दिया है। पीएम शहबाज शरीफ को अब इस संकट से उबरने का कोई रास्ता नहीं नहीं दिख रहा। पाकिस्तानी रुपये की हालत दिनोंदिन खस्ता होती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार अब पाकिस्तान डिफॉल्टर होने के करीब है। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने इसे पीएम शहबाज शरीफ द्वारा रुपये का कत्लेआम करार दिया है। 

पाकिस्तान में केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी उसके हालात पर चिंता जाहिर की है। अभी तक 1 डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत 266.11 रुपये थी, लेकिन अब यह 292 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच चुकी है। जबकि 1 डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा की कीमत 82 रुपये के करीब है। इस हिसाब से पाकिस्तान का रुपया भारत के मुकाबले करीब साढ़े 3 गुना कमजोर है। पाकिस्तान के अर्थविशेषज्ञों ने आइएमएफ के साथ होने वाले समझौते में देरी को लुढ़कते रुपये की वजह बताया है। 

डिफॉल्टर होने के नजदीक है पाकिस्तान

पाकिस्तान के मुद्रा बाजार विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान और आइएमएफ के बीच समझौता नहीं होने से रुपये की ये हालत हुई है। इस करार में देरी के कारण अब पाकिस्तान डिफॉल्टर होने के करीब है। अगर ऐसा हुआ तो यह पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा झटका होगा। इसके बाद पाकिस्तान का दोबारा उबर पाना कतई आसान नहीं होगा। विशेषज्ञों के अनुसार राजनीतिक अस्थिरता भी रुपये के अवमूल्यन का दूसरा कारण रहा। इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मृतप्राय हो चुकी है। खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं। पाकिस्तानियों को दो वक्त रोटी तक नसीब नहीं हो पा रही है। आटा और दाल के लिए पाकिस्तानी लोग आपस में जंग कर रहे हैं। 

पूर्व पीएम ने कहा रुपये का हुआ कत्लेआम
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के अध्यक्ष इमरान खान ने इसे रुपये का 'कत्लेआम' कहा है और सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी नीतियों की आलोचना की है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहाकि रुपया खत्म हो गया। पिछले 11 महीनों के दौरान पाकिस्तान रुपये में 62 फीसदी से अधिक गिरावट दर्ज की गई है। इससे सार्वजनिक ऋण बढ़कर 14.3 ट्रिलियन रुपये  हो गया है। वहीं मुद्रा स्फीति 75 वर्षों में सबसे अधिक 31.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा द्वारा शासन परिवर्तन की साजिश रचने की भी देश भारी कीमत चुका रहा है। उन्होंने कहा कि इस वजह से अपराधियों का एक समूह जबरन राष्ट्र पर थोपा गया। 

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